ईरान की सबसे बड़ी सैनिक संस्था ने क्यों दी अमरीका को धमकी?

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

सऊदी अरब ने मंसूर हादी को दूध की मक्खी तरह बाहर निकाल फेंका! सऊदी अरब और संयुक्त राष्ट्र संघ ने यमन के ख़िलाफ़ रची एक और भयानक साज़िशदक्षिणी यमन में संयुक्त अरब इमारात का समर्थन प्राप्त अंतरिम परिषद द्वारा स्वायत्तता के एलान को, जो इस देश को टुकड़ों में बांटने की साज़िश का एक हिस्सा है, आंतरिक और बाहरी समर्थन नहीं मिला। दक्षिणी यमन के 8 प्रांतों में से 6 प्रांतों सहित इस देश की लगभग सभी राज्यनीतिक पार्टियों ने यूएई समर्थन प्राप्त अंतरिम परिषद के एलान को यमन संकट को और उलझाने वाला बताया है। त्यागपत्र दे चुकी मंसूर हादी की सरकार ने यूएई को इसका ज़िम्मेदार बताया है।

वैसे तो पिछले कई महीनों से अमरीका और उसके घटकों की गतिविधियां पश्चिमी एशिया के इलाक़े में तेज़ हो गई हैं लेकिन पिछले महीने फ़ार्स खाड़ी और ओमान सागर में अमरीकी सैनिकों ने उत्तेजक हरकतें शुरू कर दीं।ईरान के आर्म्ड फ़ोर्सेज़ जनरल स्टाफ़ ने एक बयान जारी करके इलाक़े में अमरीकी सेना की उपस्थिति को शांति व सुरक्षा में अड़चन और ख़तरनाक बताया। इस बहुत अहम बयान में अमरीका की उत्तेजक हरकतों का हवाला देते हुए चेतावनी दी गई है कि अमरीका हर तरह के तनाव और और टकराव से बचने की कोशिश करे। बयान में कहा गया है कि अगर कोई टकराव होता है तो इसकी ज़िम्मेदारी अमरीका की होगी।ईरान की सबसे बड़ी सैनिक संस्था की ओर से बयान जारी किया जाना बहुत महत्वपूर्ण घटना है और इसके कुछ निहितार्थ हैं।पिछले साल तेल टैंकरों में धमाके, अमरीकी आधुनिक ड्रोन का ईरान द्वारा मार गिराया जाना, सऊदी अरब की आरामको कंपनी के तेल प्रतिष्ठानों पर बहुत बड़ा ड्रोन और मिसाइल हमला, अमरीका के आतंकी हमले में जनरल क़ासिम सुलैमानी और अबु महदी अलमुहंदिस की शहादत, इसके बाद ईरान की ओर से अमरीका की एनुल असद *छावनी पर हमला, यह सारी घटनाएं पिछले महीनों के दौरान हुईं जिनके कारण यह कालखंड बड़ा महत्वपूर्ण हो गया है। वैसे इन घटनाओं की शुरूआत 2016 *में ट्रम्प के अमरीका के राष्ट्रपति बन जाने के बाद से ही हो गई थी।हालिया महीनों में अमरीकी सैनिकों की गतिविधियां बढ़ीं और इसके साथ ही अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने अपनी युद्धक नौकाओं को आदेश दिया कि वह ईरान की आईआरजीसी फ़ोर्स की नौकाओं पर हमला कर दें।
इन हालात में ईरान के आर्म्ड फ़ोर्सेज़ जनरल स्टाफ़ की ओर से जारी होने वाला बयान यह संदेश देता है कि अमरीका को अब सबक़ ले लेना चाहिए जो राजनैतिक, आर्थिक और सैनिक हर मोर्चे पर लगातार पराजय का मुंह देख रहा है। अगर अमरीका ने सबक़ नहीं लिया तो फिर शायद उसके पास सबक़ लेने और अपनी ग़लतियां सुधारने का मौक़ा नहीं रहेगा।

Don`t copy text!