जिले में दूसरे कोरोना पाजेटिव मरीज की हुई पुष्टि गोरखपुर पुलिस की सक्रियता से कोरोना संक्रमण पर लगा अंकुश
] शमीम अंसारी बाराबंकी: एसएम न्यूज24टाइम्स
दिल्ली से आ रही एम्बुलेंस को सहजनवां के भीटी चौराहे से किया ट्रैक
गोरखपुर । गोरखपुर पुलिस की सक्रियता से कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगने का एक मामला सामने आया है। एसएसपी डॉ0 सुनील गुप्ता और एसपी सिटी डॉ0 कौस्तुभ द्वारा जिले की कोविड-19 से सुरक्षा के लिए बनाई गई रणनीति कारगर साबित हुई । जिसमें दूसरे जिले से शहर में इंट्री करने वालों की सूची बनाकर उनकी निगरानी शुरू कर दी जाती है।
लम्बे समय तक ग्रीन ज़ोन में बने रहने वाले गोरखपुर में दूसरे कोरोना पजेटिव मरीज़ की पुष्टि हुई है। यह मरीज़ दिल्ली से एम्बुलेंस द्वारा गोरखपुर आयी थी। जिसको सहजनवां के भीटी चौराहे से पुलिस ने ट्रैक कर जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में जांच के बाद इन्हें नंदानगर स्थित 100 बेड टीबी अस्पताल में क्वारंटीन कराया गया जहां से परिवार के सदस्यों का नमूना जांच के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया था जिसमें से एक महिला संगीता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह जानकारी ज़िले में पुलिस विभाग के कोरोना प्रभारी/सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने दी।उन्होंने बताया कि चित्रकूट पुत्र पतिराज जो बांसगांव के रानी भैंसा निवासी हैं 15 वर्षों से दिल्ली के सरिता विहार में रहकर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। जहां बेटी संगीत और सुनीता भी साथ रहती है। संगीता विवाहित है और उससे 4 वर्ष का पुत्र अंकित है। जबकि पति मुन्नीलाल मुम्बई में रहता है। चित्रकूट को लीवर में सूजन और इन्फेक्शन की शिकायत थी जिसके कारण 27 तारीख को उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। मंगलवार की शाम को मरीज के परिवार की एम्बुलेंस के ज़रिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से अपने गांव पहुंचने के लिए सहजनवां के रास्ते जिले में इंट्री हुई। जहां भीटी चौराहे पर पुलिस पिकेट पर तैनात एसआई आशीष हेडकांस्टेबल मनीष व अशोक को ग्राम प्रधान के माध्यम से एंबुलेंस आने की जानकारी हो चुकी थी। अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस को ट्रैक करते हुए नाम पता नोट कर उसे पहले पीएचसी ले गए जहां उनके चचेरे भाई मनोज और राजकुमार भी पहुंच गए। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें 100 बेड टीबी अस्पताल भेजा गया।सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि इस बीच वह मरीज के चचेरे भाई मनोज और राजकुमार से लगातार संपर्क में थे।संगीता की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही दिल्ली से गोरखपुर आई एंबुलेंस को सर्विलांस के जरिए ट्रैक किया गया जहां उसकी लोकेशन बाराबंकी जिले में मिली। इसके बाद बाराबंकी पुलिस से संपर्क कर ड्राइवर और सहायक को वहां क्वॉरेंटाइन कराया गया।बहरहाल इस मामले में गोरखपुर के पुलिस अधिकारियों की रणनीति और पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों की सक्रियता ने कोरोना के संक्रमण को न सिर्फ फैलने से रोका बल्कि दिल्ली वापस जा रही एंबुलेंस को बाराबंकी जिले में रोककर कोरोना की एक चेन को तोड़ने में भी सफल हुई ।] शमीम अंसारी बाराबंकी: एसएम न्यूज24टाइम्स