डीएम साहब! जनपद में बिक रहा है एक्सपायरी पान मसाला -कई दुकानदारों ने बेचा है करोड़ों का एक्सपायरी मसाला -विभाग द्वारा जांच न होने से बुलंद है व्यापारियों के हौसले -मसाले के शौकीन लोग एक्सपायरी डेट देखकर खरीदे पान मसाला।
मोहिनी शर्मा, एडवोकेट/सम्पादक-एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स
बाराबंकी। जनपद में बिक रहा है एक्सपायरी लाल पान मसाला। कम्पनी के रैपर पर साफ-साफ लिखा है कि पैकिंग की तिथि से 6 माह तक उपयोग कर सकते हैं। किन्तु कमाई के लालच में अधिकृत थोक विक्रेता खुलेआम धड़ल्ले से बेच रहे हैं एक्सपायरी पान बहार मसाला।
शहर के कई मसाला खाने के शौकीन लोगों ने हमारे संवाददाता को बताया कि ज्यादातर मसाला लाल निकलने की शिकायत आई, तब उस रैपर का देखा तो उस पर लिखा था कि उपयोग की तिथि पैकिंग की तिथि से 6 माह तक योग्य है किन्तु जब रैपर पर देखा तो उसमें जून, 2019, जुलाई 2019 तथा अगस्त 2019 अंकित है। इस तरह से उपरोक्त मसाला लगभग 10-11 माह पुराना है। जो विक्रय हेतु नहीं है किन्तु कमाई के चक्कर में एक्सपायरी मसाला धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। डिब्बे के मुख्य भाग पर पैकिंग तिथि मार्च 2020 अंकित है, इस तरह से अधिकृत विक्रेता द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। उपरोक्त लाल व एक्सपायरी मसाले से ग्राहकों को मानसिक, आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस सम्बंध में जब हमारे संवाददाता ने अधिकृत विक्रेता से बात की तो थोक विक्रेता द्वारा बताया गया कि जो मसाला लाल होगा वही बदलेंगे बाकी एक्सपायरी मसाला नहीं बदलेंगे। इस तरह से कम्पनी की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। लाकडाउन में मसाले पर प्रतिबंध होने के बाद चोरी चुपके अधिकृत विक्रेता द्वारा रिपैकिंग करके एक्सपायरी लाल माल बेचा गया है और वर्तमान समय में भी बेचा जा रहा है। जनपद के कई थोक व्यापारी सेटिंग गेटिंग के खेल के द्वारा स्थानीय पुलिस को हमवार करके व्यापार करते हैं किन्तु कई बार एस0एम0 न्यूज 24 ने प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया किन्तु स्थानीय थाने तथा चैकी व छुटभईया नेताओं से मिलकर स्थानीय पुलिस पर ही दबाव बनाकर व्यापारी लोग धड़ल्ले से कमाई कर रहे और आम लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
बाराबंकी। संवाददाता से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक्सपायरी पान मसाला खाने से बहुत सी गंभीर बीमारियों के होने का सख्त खतरा रहता है। विभाग द्वारा कोई आकस्मिक जांच न करने से लोगों में फूड प्वाइजनिंग की प्रबल संभावना बना रहती है। थोक पान मसाला विक्रेता धड़ल्ले से माल की बिक्री करते चले आ रहे हैं। इन लोगों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही न होने से इनके हौसले लगातार बढ़ रहे हैं और यह लोग घटिया से घटिया मसाला भी जनता को बेच रहे हैं। शहर के कई थोक विक्रेता हैं राजधानी पान मसाला कल्पना रेडीमेड के सामने तथा लइया मण्डी व गंगाराम गुड़ंण्डी व टाकीज के सामने आदि लोगों ने करोड़ों का माल डम्प करके खुलेआम चैगुने दामों पर पान मसाला बेचा है किन्तु पुलिस को अपनी पहुंच और धनबल के कारण कोई कार्यवाही करने से रोक रखा है।
इस सम्बंध में जब फुटकर दुकानदारों से सम्पर्क किया गया है कि तो उन्होंने से बताया कि मसाला पर से प्रतिबंध तो हट गया है किन्तु थोक व्यापारियों ने माल डम्प करके दुगने दामों पर दे रहे हैं और ग्राहक हमसे बहस करता है इसलिए माल हम लोग नहीं ला पा रहे हैं। जबकि एम0आर0पी0 का मतलब होता है कि किसी भी वस्तु का इससे अधिक मूल्य नहीं हो सकता है फिर भी कमला पंसद 15 रूपये तथा रजनी गंधा 20 रूपये व राॅयल पान मसाला 10 रूपये व विमल 10 रूपये का मिल रहा है। इस तरफ फुटकर व्यापारी भूखों मर रहा है वहीं दूसरी तरफ थोक व्यापारी मोटा मुनाफा कमा रहा है इसे सरकार की छवि व सरकारी मिशनरी की विफलता न कहा जाये तो क्या कहा जाये।
विश्वस्त सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि कई दुकानदारों ने स्थानीय पुलिस को मोटी रकम दे रखी है इसलिए उन लोगों के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही पुलिस नहीं कर पा रही है। इस तरह यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि न बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रूपैया। अब देखना है कि मित्र पुलिस जनता के हित में काम करती है या व्यापारी के चंगुल में ही फंसी रहती है। विभाग द्वारा कोई कानूनी कार्यवाही न किये जाने पर जनता को लग रहा है कि यह सब विभाग की मिलीभगत से कार्य हो रहा है।
मोहिनी शर्मा, एडवोकेट/सम्पादक-एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स