अवैध बालू खनन की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जिलाधिकारी को सौंपी

कुलदीप कुमार शर्मा संवाददाता तहसील नवाबगंज बाराबंकी की रिपोर्ट

बाराबंकी। तहसील सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के सनावा में ड्रेजिंग मशीन से निकली बालू को बेचने की आड में जमकर अवैध बालू का खनन किया गया है। जिसका खुलासा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांश पटेल की जांच के बाद हुआ है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच डीएम डॉ. आदर्श सिंह को सौंपी है। जिस पर डीएम ने वहां पर हो रहे कार्य को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया है और पूरे प्रकरण की जांच के लिए खनिज निदेशालय लखनऊ को पत्रावली भेजी है। यहां पर खनन माफियाओ ने किसानों के फसल लगे खेत में पोकलैंड मशीनों से खनन किया था। ग्रामीणों के विरोध के बाद भी यहां पर अवैध बालू खनन बेरोक-टोक चल रहा था। तराई क्षेत्र के किसानों ने मामले में स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने से दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा को अपनी पीड़ा बताई थी। किसानों ने विधायक को अवगत कराया था कि घाघरा नदी में ग्राम सनावा के पास जो ड्रेजिंग के समय बालू निकली थी। उसको बेचने के लिए थाना टिकैतनगर क्षेत्र के हडाहा निवासी राधेश्याम यादव पुत्र मैकू लाल ने पट्टा लिया था। लेकिन राधेश्याम अपने साथियों के साथ दबंगई के बल पर किसानों के खेत में पोकलैंड मशीन व जेसीबी मशीन से अवैध बालू खनन नदी की सतह तक करा रहे हैं। जिससे बाढ़ के समय में तटवर्ती गांव में खतरा बढ़ जाएगा। यही नही अवैध तरीके से गलत लाट नंबर की रसीद देकर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ क्षेत्र के लोगों की शिकायत पर दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने इस संबंध में डीएम आदर्श सिंह को चिट्ठी लिखी थी। जिस पर डीएम ने तहसीलदार व बालू खनन अधिकारी को मौके पर जांच के लिए भेजा था लेकिन दोनों अधिकारियों ने जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की थी। जिस पर विधायक ने दोबारा डीएम से मिलकर वहां पर हो रहे अवैध बालू खनन के साक्ष्य सौंपे थे। डीएम को अवगत कराया था कि सनावा मे कई जगह अवैध रूप से बालू की खोदाई की जा रही है। खनन माफिया बेखौफ बड़ी-बड़ी मशीनें लेकर घाघरा के तट व आसपास की जमीन में गहरे गड्ढे कर बालू निकाल रहे हैं। इस अवैध खनन का खामियाजा बाढ़ के दिनों में भुगतना पड़ेगा। नियमानुसार जो बालू ड्रेजिंग से निकली है उसी को उठाने का ठेका है। लेकिन पोकलैंड मशीन व जेसीबी मशीन लगाकर दस-दस फिट नदी की सतह तक खोदाई की जा रही है। घाघरा की विकराल धारा जब किनारों पर दबाव बनाती है तो खेत और गांव कट कर नदी में समाने लगते हैं। यदि इन मानकों का पालन नहीं किया गया तो बाढ़ के दिनों में ज्यादा संकट झेलना पड़ेगा। डीएम ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांश पटेल को जांच सौंपी थी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने मौके पर जाकर जांच की तो वहां पर अवैध बालू खनन का खुलासा हुआ है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए खनिज निदेशालय लखनऊ को पत्र भेजा है। इस विषय मे जिलाधिकारी और एसडीएम सिरौलीगौसपुर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नही हो पाया।

कुलदीप कुमार शर्मा संवाददाता तहसील नवाबगंज बाराबंकी की रिपोर्ट

 

 

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