ट्रैफिक पुलिस की भ्रष्ट कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

अब्दुल मुईद सिटी-रिपोर्टर (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स

बाराबंकी। जनपद में ट्रैफिक पुलिस किस तरह से कार्य करती है यह किसी से छिपा नहीं है किन्तु देश में चल रही कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा शमन शुल्क अर्जित करने के उद्देश्य से पता नहीं कौन से नशे का इस्तेमाल करके गरीबी व भुखमरी के दौर से गुजर रहे लोगों का ही गलत चालान करके हैरान व परेशान किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस किसी भी रसूखदार व्यक्ति का चालान जल्दी नहीं करती है, उसको देखकर तत्काल किनारे हट जाती है। हद तो यहा तक हो गई कि कम पढ़े लिखे पुलिसकर्मियों को जब इ-चालान करने का अधिकार दे दिया गया तो वह बंदर के हाथ में उस्तरा वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए नम्बर को सही से न पढ़कर, गलत नम्बर अपने चालान में अंकित कर देने से बेकसूर (जिनका वाहन मौके पर न हो) वाहन स्वामियों से गलत तरीके से शमन शुल्क वसूला जा रहा है। एक तरह से जनता की जमापूंजी को ट्रैफिक पुलिस खुले आम लूट रही है। अब जब लोगों को जानकारी हो रही है तो वह ट्रैफिक पुलिस से लेकर एआरटीओ आफिस तक चक्कर लगा रहे हैं। मालूम हो कि जनपद में ट्रैफिक पुलिस अपनी खूब मनमानी करती है, कोई भी बीमार या दवा लेने जा रहे व्यक्ति का ई-चालान तो जरूर कर देगी लेकिन अगर कोई रसूखदार व्यक्ति लग्जरी वाहन से दिख गया तो दुम दबाकर पीछे हट जाती है। इसीक्रम में मुनीराबाद रेलवे स्टेशन के पास के एक वाहन स्वामी ने बताया कि मेरा वाहन पूरे लाॅकडाउन भर घर में ही खड़ा रहा फिर हमको बीते 12 जून को जानकारी हुई कि मेरे वाहन का ई-चालन हो गया है। इस पर जब हमने इण्टरनेट से चेक किया तो मालूम चला कि बीती 30 अप्रैल को समय करीब 18.48 बजे मुबलिग 3,000 रूपये का ई-चालान किया गया है। जब चालान संख्या-यूपी 32185200430184850 द्वारा मोटर साइकिल संख्या-यू.पी 41 एच-3059 का चालान हुआ है जब उक्त चालान पर अंकित गाड़ी का फोटो देखा तो और दंग रह गया मालूम चला कि वह गाड़ी प्लेटिना है और उसका नम्बर यू.पी. 41 डब्लू-3059 है जबकि सद्दाम की गाड़ी स्पेलडर है। गलत ई-चालान करने वालों की लापरवाही का खामियाजा क्या अब आदमी भरेगा? लाकडाउन में इतनी भारी भरकम राशि देखकर उक्त सद्दाम काफी परेशान हो गया तथा इसी जुर्माने को देखने के बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी तो परिवार वाले उसको लेकर बड़ेल चैराहा स्थित निजी चिकित्सालय ले गये जहां उसको डाक्टरों ने बताया कि आपको कोई गहरा सदमा लगा है इस कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ घट रहा है और तुंरत आकस्मिक चिकित्सा हेतु ग्लूकोज तथा कई तरह के इंजेक्शन आदि लगाये गये जिस कारण उसको चार दिन तक अस्पताल में ही रहकर इलाज करवाना पड़ा, जिसमें उसके हजारों रूपये खर्च हो गये। अब सवाल यह उठता है कि क्या ट्रैफिक पुलिस नशे में रहकर लोगों का ई-चालान करती है। इसकी भरपाई कौन करेगा, इस घटना का कौन जिम्मेदार होगा? इस तरह की घटना कई लोगों के साथ पूर्व में हो चुकी हैं। इन सब सवालों के बीच यह साफ सुनाई देगा कि भाई यूपी पुलिस है जो रस्सी का सांप बनाती है। इस सम्बंध में उक्त वाहन स्वामी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है कि उक्त ई-चालान करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुए उसके इस्तेमाल किये जाने वाले नशें की जांच कराई जाये और हैरान व परेशान करने के एवज में मानसिक, आर्थिक व सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए क्षतिपूर्ति के चालानकर्ता के वेतन से 15,000 रूपया पीड़ित को दिलाया जाये तथा उसके नाम से गलत तरीके से दर्ज ई-चालान को तत्काल निरस्त किय जाये। ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति निकट भविष्य में हो। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि यातायात प्रभारी जो अपने आपको दबंग समझते हैं उनकी कार्यशैली इतनी खराब है कि अगर कोई उनसे यह बता दे कि हम पत्रकार या वकील हैं तो उसका तो चालान जरूर करते हैं और कहते हैं कि तुम लोग भी तो हमको नहीं छोड़ते हो। दिनांक 6 मई को एक पत्रकार को जबरदस्ती रोक लिया, कहा तुम पत्रकार हो तब तो तुम्हारा एक चालान तो जरूर करेंगे, इस पर जब बात आगे बढ़ी और कई लोग मौके पर आ गये तो उक्त रितेश पाण्डेय ने सबके सामने झूठ बोल दिया कि हमने आपका चालान डिलीट कर दिया है किन्तु अपने दांवपेच में माहिर फनकार ने 500 रूपये का चालान कर दिया। ट्रैफिक पुलिस की निरंकुशता से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने लोगों का ई-चालान अपनी गलती से दूसरे गाड़ी नम्बर पर दर्ज कर दिया होगा? कभी-कभी तो चार पहिया गाड़ी का चालान हेलमेट पर कर दिया जाता है। ट्रैफिक पुलिस को चालान करने से पहले समुचित ढंग से प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है वरना इसी तरह आम जनता उनकी कारगुजारियों का शिकार होती रहेगी। अब देखना है कि पीड़ित को न्याय मिलेगा या वह इंसाफ के लिए दर-दर के लिए भटकता रहेगा और यातायात पुलिस कब तक अपनी हठधर्मिता करती रहेगी।

अब्दुल मुईद सिटी-रिपोर्टर (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स

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