क्या किसान यूनियन किसानों की समस्याओं केा लेकर सक्रिय है? – किसान यूनियन द्वारा किसानों की समस्याओं पर नहीं दिया जा रहा कोई ध्यान – किसान यूनियन पहले था किसानों का संगठन किन्तु वर्तमान समय में पूंजीपतियों की आवाज है। – जनपद में दर्जनों किसान यूनियन हैं किन्तु डीजल के बढ़ते मूल्यों पर सभी मौन

रियाज वारसी संवाददाता एसएम न्यूज24टाइम्स

  रियाज वारसी संवाददाता एसएम न्यूज24टाइम्स

बाराबंकी। किसानों की समस्याओं के लिए बनाये गये संगठन में ज्यादातर अब वह पदाधिकारी है, जिनके पास कृषि योग्य भूमि ही नहीं है और न ही करते हैं कभी खेतीबाड़ी। अब संगठन में पद उसे ही मिलता है जो होता है दबंग, भूमाफिया, थाने की दलाली करने वाला या पुलिस की मुखबिरी करने वाला। आम किसान सिर्फ संगठनों द्वारा बेजा इस्तेमाल ही किया जाता है वह भी शासन प्रशासन में दबाव बनाने के लिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद में दर्जनों किसान यूनियन के नाम से संगठन हैं किन्तु कोई भी संगठन वर्तमान समय में डीजल पेट्रोल के बढ़ रहे मूल्यों के विरूद्ध आवाज नहीं उठा रहा है। जनपद में किसानों के पास खेती के सम्बंधित दर्जनों समस्याएं हैं किन्तु कोई भी संगठन वर्तमान समय में किसान की आवाज को प्रदेश स्तर पर बुलंद नहीं कर रहा है। जनपद के कई किसान इस समय भुखमरी व बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं किन्तु कोई भी संगठन उनके हित के लिए बनाये गये संगठन से किसानों की समस्याओं का निदान नही कर रहा है। संगठन के पदाधिकारी स्वयं के निर्माण के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपनाते हैं और जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन तक दबाव बनाकर प्लाटिंग व ठेकेदारी व अवैध खनन का कार्य आसानी से प्राप्त कर लेते हैं।

विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद के किसान नहरों में पानी, अधिक मूल्य पर मिलने वाले कीटनाशक तथा उत्पादन का सही मूल्य न मिलने आदि कई समस्याओं से जूझ रहे हैं किन्तु उनकी इस हालत के लिए बनाये गये संगठन किसान यूनियन जो वर्तमान समय में उनकी कोई भी समस्या का ध्यान नहीं दे रहा है बल्कि अगर कहीं अवैध कब्जा या अवैध खनन आदि करना हो तो आप किसान यूनियन नाम के संगठन में सम्मिलित हो जाइए और कोई भी अवैध कार्य पुलिस प्रशासन को हमवार करके करते जाइए कोई भी आपको रोकने वाला सामने नहीं आयेगा। जनपद में कई पदाधिकारी तो प्रदेश स्तर के मौजूद हैं लेकिन क्या कभी किसानों की समस्याओं को लेकर आवाज उठाई? शायद नहीं। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी इन संगठनों के कुछ तथाकथित पदाधिकारियों के गलत कार्यों की आवाज उठाता है तो यह संगठन के पदाधिकारी उस पर दबाव बनाने के लिए खुलेआम धमकी देते हैं कि हमारे पास हजारों किसान हैं और मेरा कार्य नहीं हुआ तो हम लोग सभी किसानों को बुलाकर फला स्थान पर धरना प्रदर्शन चालू कर देंगे। जनपद में कई संगठन तो इस समय सिर्फ अवैध खनन, अवैध प्लाटिंग व अवैध कब्जा आदि के लिए विख्यात हैं।

अब देखना है कि जनपद में दर्जनों संगठन होने के बाद भी ज्यादा आम किसान की आवाज कोई भी संगठन बुलंद करेगा या अपने हित के लिए संगठन सदैव असली किसानों का प्रयोग करता रहेगा।

रियाज वारसी संवाददाता एसएम न्यूज24टाइम्स

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