एक घण्टे में 30 दुर्लभ प्रजातियों के 360 पौधे रोपित

मसौली बाराबंकी। वन विभाग ने एक घण्टे में 30 दुर्लभ प्रजातियों के 360 पौधे रोपित कर एक बार फिर से गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करा लिया है। मंगलवार को विकास खण्ड मसौली की ग्राम पंचायत रसौली में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारी निश्चल बरोठ एव मुख्य वन संरक्षक अतुल कान्त जिंदल, विष्णु सिंह की मौजूदगी में कीर्तिमान हासिल किया गया है। बताते चले कि 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चले वन महोत्सव में उत्तर प्रदेश ने 25 हजार करोड़ पौधे रोपित कर रिकार्ड बनाया था लेकिन मंगलवार को वन विभाग ने एक घण्टे के समय में दुर्लभ प्रजातियो के सर्वाधिक पौधे रोपित कर विश्व रिकार्ड बनाया है. इसके लिए कार्यक्रम स्थल पर मौजूद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रतिनिधि निश्चल बरोठ ने इसे दर्ज किया। डीएफओ नरेंद्र कुमार सिंह की अगुवायी में ग्राम पंचायत रसौली में चिन्हित की गयी आधा हेक्टेयर भूमि में वन विभाग 15 व्यक्तियों द्वारा 30 किस्म के 12-12 पौधे रोपित किये गये मौके पर मौजूद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड के प्रतिनिधि निश्चल बरोठ ने वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी व डॉक्यूमेंट तैयार करायी। बताते चले कि आज एक अभियान के तहत प्रदेश के आठ जनपद लखनऊ, अयोध्या,बाराबंकी, सीतापुर, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बाँदा एव चित्रकूट में अलग अलग 30-30 प्रजातियों के 240 दुर्लभ प्रजाति के पेड़ रोपित किये गये है। इस दौरान बाराबंकी जिला वानिकी अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह, उप वनसंभागीय अधिकारी डॉ0 एन के सिंह, रेंजर इम्तियाज अहमद, ततहीर अहमद, सुबोध शुक्ल रामनगर, रमेश भट्ट फतेहपुर, अनुज सक्सेना, रमेश चंद यादव, अनिलकान्त गुप्ता, वन दरोगा राम कुमार गौड़, हरिराम यादव सहित जिले के अन्य वनकर्मी मौजूद रहे। मंगलवार को बाराबंकी वन विभाग के लिए किसी उत्सव से कम नजारा नही था विभाग ने एक घण्टे के अल्पसमय में 360 पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा जिसमे ठीक 10 बजे से सवा दस बजे तक पौधों को एकत्रित किया, सवा दस बजे से साढ़े दस बजे के बीच में गड्ढ़े खोदे गये, साढ़े दस बजे से पौने 11 बजे के बीच पौधारोपण एव मिटटी भरने के बाद ठीक 11 बजे के बीच पौधों की सिंचाई एव टैग लगाये गये। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में रिकार्ड बनाने के लिए मंगलवार को ग्राम पंचायत रसौली में खैर, अडूसा, बेल, शरीफा, बंशलोचन बांस, कचनार बैगनी, कठूमर, पलास, अम्बलतास, संतरा नारंगी, मुसम्बी, भाट, शीशम, धतूरा, यूक्लिप्टस, सिल्वर ओक, कटसागौन, सफेद चमेली, रतनजोत, महुआ, हरसिंगार, वुद्धबांस, गोल्डन बांस, अमरुद, चाँदनी, पारस पीपल, मुटेल, बेर, किंग पाम, सीहोर प्रजाति के पेड़ रोपित किये गये।

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