31 साल पुरानी 9 सिलाओं से राम मंदिर का भूमि पूजन किया
-पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में मंदिर का शिलान्यास किया
-भागवत समेत करीब 175 लोग इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बने
अयोध्या अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के बाद शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत करीब 175 लोग इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बने। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में मंदिर का शिलान्यास किया।
यहां पीएम मोदी ने परिसर की परिक्रमा की और साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। भगवान को फूल प्रसाद अर्पित करने के बाद उन्होंने भगवान की आरती भी की। इससे पहले 31 साल पुरानी 9 सिलाओं से राम मंदिर का भूमि पूजन किया। अयोध्या पहुंचने पर पीएम मोदी ने सबसे पहले हलुमान गढ़ी में पूजा की। पीएम मोदी ने यहां पारिजात के पौधे का रोपण भी किया। पारिजात के पौधे का भी अपना एक विशेष महत्व है। पारिजात के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में प्रयोग किया जाता है, इसलिए इस मनमोहक और सुगंधित पुष्प को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। भूमि पूजन आयोजन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में 28 साल बाद पहुंचे हैं। वह श्रीराम जन्मभूमि जाने वाले प्रथम प्रधानमंत्री बने हैं। इसी के साथ देश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के प्रतीक किसी मंदिर के शुभारंभ कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले पहले प्रधानमंत्री के तौर पर भी नरेंद्र मोदी का नाम दर्ज होगा।
हनुमान पूजन के साथ शुरू हुआ अनुष्ठान:
हनुमानगढ़ी में नरेंद्र मोदी पहुंचे और सबसे पहले शीश नवाजा। उन्होंने आरती उतारी और पूजा अर्चना की और मंदिर की परिक्रमा की। यही से शुरुआत होती है भगवान की भक्ति की प्रभु राम की पूजा की। वहां पर पीएम मोदी को एक पगड़ी पहनाई गई, जिसपर एक मुकुट भी बंधा हुआ है। कार्यक्रम अच्छी तरह से संपन्न हो इसके लिए अनुमति ली जाती है, भगवान के सेवक हनुमान से। कहा जाता है कि लंका विजय करने के बाद हनुमान यहां एक गुफा में रहते थे और राम जन्मभूमि और रामकोट की रक्षा करते थे। इसी कारण इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट पड़ा। इसे ही हनुमानजी का घर भी कहा गया।
जब रामलला के लिए लाई भेंट कार में ही भूल गए प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर भूमि पूजन के अवसर पर रामलला के लिए कुछ खास लेकर आए। हालांकि, वो रामलला के लिए लाई गई अपनी भेंट कार में ही भूल गए। प्रधानमंत्री जब कार से उतर कर परिसर की तरफ बढ़े तो उन्हें अपनी उस भेंट की याद आई। फिर प्रधानमंत्री खुद कार की तरफ चल पड़े। मोदी ने कार में आकर वो भेंट लिया और फिर पूजा स्थल पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पूर्व 28 साल पहले 1992 में पहली बार अयोध्या पहुंचे थे। तब वह बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में निकली तिरंगा यात्रा में उनके सहयोगी के तौर पर अयोध्या पहुंचे थे।
इस घड़ी की प्रतीक्षा में हमारी कई पीढ़ियां चली गईं:योगी
भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी, सीएम योगी, आरएसएस चीफ भागवत स्टेज पर पहुंचे। अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी भावुक हो गए। सीएम योगी ने कहा, ‘500 वर्षों का लंबा और कड़ा संघर्ष अब लोकतांत्रिक और संविधान सम्मत तरीके से संपन्न हुआ। इस घड़ी की प्रतीक्षा में हमारी कई पीढ़ियां चली गईं। राम मंदिर के निर्माण का सपना लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज गौरवान्वित होने का अवसर मिला। राम मंदिर का सपना सच हो रहा है। अवधपुरी की धरती समृद्धशाली बनेगी। हम सबके लिए उमंग, उत्साह और भावनात्मक दिन। मैं सभी लोगों का उत्तर प्रदेश की भूमि पर अभिनंदन करता हूं। जय-जय श्रीराम।’
सब राम के हैं और सबमें राम हैं:भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ‘आडवाणी से घर में बैठे यह क्षण देख रहे होंगे। कई लोग इस अवसर पर आ नहीं सके। समय ऐसा चल रहा है। पुरुषार्थ का भाव हमारे रग-रग में है। भगवान राम का उदाहरण है। सब राम के हैं और सबमें राम हैं। यह सभी भारतवासियों के लिए है। कोई अपवाद नहीं। अब भव्य राम मंदिर बनेगा। मंदिर के पूर्ण होने से पहले हमारा मन मंदिर पूरा होना चाहिए। हृदय भी राम का बसेरा होना चाहिए। इसलिए सभी द्वेष, विकार, भेदों को तिलांजलि देकर संपूर्ण जगत को अपनाने की क्षमता रखने वाला मनुष्य होना चाहिए।’
योगी आदित्यनाथ ने समस्त रामभक्तों की तरफ से मोदी से किया राम राम