लापरवाह नगर पालिका और सुस्त पड़े कर्मचारी शहर बना नर्क किसी को नहीं है कोई फर्क

बारिश ने नगर पालिका की साफ-सफाई की हकीकत सडकों पर खुलकर सामने ला दी

एटा। मंगलबार को रात से शुरू हुई रिमझिम बारिश दूसरे व तीसरे दिन भी रुक-रुक कर हुई बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। वहीं एक बार फिर नगर पालिका की साफ-सफाई की हकीकत सडकों पर खुलकर सामने आ गई। चूंकि बारिश तेज नहीं थी इसलिए कहीं ज्यादा देर तक जलभराव नहीं रहा। मगर सड़कें दलदल में तब्दील हो गईं। सड़कों पर जमा कूड़ा कीचड़ के रुप में बदल गया। बारिश का पानी कुछ देर में नाले- नालियों के रास्ते निकल गया, लेकिन कीचड़ पूरे दिन परेशानी का सबब बनी रही। लोगों का सड़क पर चलाना भी दूभर हो गया। सड़कों पर गड्ढ़े होने की वजह से पानी भरा रहा।

शहर की कुछ कॉलोनी में बारिश के बाद सड़क के कुछ हिस्से में जलभराव हुआ। मौहोल्लों में हुए जलभराव के पीछे सड़कों पर जगह-जगह गड्ढ़े अहम वजह रहे। वहीं मौहोल्लों के लोग काफी परेशान हुए।शहर में चल रहे सीबर लाइन के कार्य के कारण खुदे पड़े गड्ढे हादसों को दावत देते नजर आ रहे हैं। शहर में हर ओर जाने वाली सड़क का हाल बदहाल है। यहां पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, इसमें कोई सुधार अब तक नहीं हो सका है। बारिश से यहां पर कुछ ही देर में पानी जमा हो गया। आलम यह रहा कि गुरुबार को दोपहर बाद बारिश तो रुक गई मगर जलभराव बना रहा। वाहन चालक इधर से गुजरते वक्त गड्ढे के कारण घबराए से दिखे। स्थानीय लोग इसको लेकर काफी खफा दिखे और पालिका की बेपरवाही पर नाराजगी जताई। ठंडी सड़क को बारिश ने दलदल बना दिया। गड्ढों में पानी भर गया तो मिट्टी और कूड़ा करकट से कीचड़ फैल गई। आलम यह था कि वाहन तो स्लिप हो ही रहे थे, साथ ही पैदल निकलने वालों को भी फिसलने का डर बना रहा। इसके बावजूद जिम्मेदारों को हकीकत नहीं दिखती। यहां न तो सड़क की मरम्मत कराई, न ही साफ सफाई पर संजीदगी बरती गई।

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