शौचालय व मनरेगा में लाखों के घोटाले में अधिकारी कर रहे लीपापोती जांच सही न होने पर मुख्यमंत्री से हुई शिकायत घोटालेबाजों पर जांच अधिकारी मेहरबान

अब्दुल जब्बार एडवोकेट व अम्बरेश यादव की रिपोर्ट

भेलसर(अयोध्या)सरकार के लाख प्रयास के बावजूद ब्लाक के अधिकारी ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यो में घोटालेबाजी करने से बाज नही आ रहे है।जिसका मुख्य कारण है घोटाले की धनराशि मिलीभगत से सभी मे बंदरबांट होता है।इसीलिए जांच के नाम पर महज खानापूर्ति होती है।शिकायतकर्ता थक हार कर बैठ जाता है और घोटालेबाज लगातार सरकारी धन का दुरुपयोग करते रहते है।

ऐसा ही एक मामला मवई ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर दाऊद पुर का सामने आया है जंहा शौचालय व मनरेगा में हो रहे घोटाले की शिकायत गांव के ही समाजसेवी मोहम्मद खान ने खंड विकास अधिकारी मवई मोनिका पाठक से की थी।जिस पर शिकायतकर्ता को आश्वासन देते हुए निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की बात कही थी।सवाल यह है कि आखिर निष्पक्ष जाँच क्यों नहीं हुई?इससे ये साबित होता है कि मामला मिलीभगत का है।बात दें शिकायतकर्ता ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत में शौचालय व मनरेगा में हो रहे घोटाले में ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी व पंचायत मित्र की मिलीभगत से फर्जी तरीके से मनरेगा मस्टररोल में नाम चढ़ाकर धनराशि निकाली जा रही है।इतना ही नही अपने अपात्र चहेते लोंगो को दो-दो बार शौचालय भी दिया गया है।प्रार्थना पत्र में उन लोगों का नाम भी दिया गया है जिनके खाते में बिना मनरेगा में कार्य किये ही धनराशि भेजी जा रही है।शिकायतकर्ता का मानना है कि ब्लाक के अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच होना असंभव है।इसलिए जिले से जांच होना जनहित में आवश्यक है।

Don`t copy text!