लाखनोर में कब्जा लेने को रौंद डाली किसानों की फसल नागल

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

रविवार को प्रशासन नें भारी पुलिस बल के साथ लाखनौर पहुंच अधिग्रहित की गई भूमि पर खड़ी फसलों को रौंद डाला, सूचना पर पहुंचे किसानों नें प्रशासन की इस जबरिया कार्रवाई का जमकर विरोध किया, दोनों पक्षों में हुई तीखी नोकझोंक के बाद खड़ी फसलों के काटने के बाद जमीनों पर कब्जा दिए जाने पर सहमति बनी।

रविवार सुबह एसडीएम सदर अनिल कुमार, ज्वाइंट कमिश्नर हिमांशु नागपाल व रेलवे प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप कुमार भारी पुलिस बल, जेसीबी तथा दर्जन भर ट्रैक्टरों के साथ लाखनोर पहुंचे तथा पूर्व में अधिग्रहित की गई जमीन में खड़ी धान आदि की फसलों को रौंदना शुरू कर दिया, सूचना पर भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के नेतृत्व में पहुंचे किसानों नें प्रशासन की इस जबरिया कार्यवाही का जमकर विरोध किया।
किसानों का कहना था कि प्रशासन नें किसानों को इस संबंध में वार्ता हेतु बुलाया था लेकिन प्रशासन नें वार्ता होने से पूर्व ही कोई सूचना दिए बगैर खड़ी फसल को रौंद डाला जो न्यायोचित नहीं है, इस दौरान अधिकारियों व किसानों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। करीब तीन घंटे बाद दोनों पक्षों में जमीन पर खड़ी किसानों की फसल को तैयार होकर कटने के बाद जमीन पर कब्जा किए जाने पर सहमति बनी।

सहमति बनने के बाद राजस्व टीम नें अधिग्रहित की गई भूमि पर किसानों व अधिकारियों की मौजूदगी में निशानदेही शुरू कर दी।
बताते चलें कि रेल कॉरिडोर बनाने हेतु लाखनोर, बेलडा जुनारदार व सूभरी के किसानों की करीब 250 बीघा जमीन अधिग्रहित की गई थी, प्राधिकरण क्षेत्र होने के बावजूद किसानों को कम मुआवजा दिया गया, जिसका किसान शुरू से ही विरोध करते आ रहे थे, इस संबंध में मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है व इस संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ बार कई बार बैठकें भी हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका था। इस दौरान सीओ देवबंद रजनीश उपाध्याय, थानाध्यक्ष नागल जितेंद्र कुमार, नायाब तहसीलदार अनिल कुमार, बिहारीगढ़ थानाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, अमित मुखिया, राजपाल सिंह, भूपेंद्र त्यागी, योगेंद्र पप्पू, कपिल मुखिया, पोटन चौधरी आदि रहे।

मंडल मुख्यालय पर कम तहसील मुख्यालय पर ज्यादा मुआवजा

तहसील क्षेत्र में पडने वाले तथा मुजफ्फरनगर के देहात क्षेत्र के किसानों को जहां रेलवे नें 2000 से 2400 रुपए मुआवजा राशि दी है वही मंडल हेड क्वार्टर पर स्थित निगम और प्राधिकरण विकसित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लाखनौर में मात्र 140 से 160 रुपए ही मुआवजा दिया है।

चार तरह के अधिकरण में मुआवजा राशि अलग-अलग

लाखनोर में हाईवे निर्माण हेतू, गैस पाइपलाइन हेतू तथा टावर लाइन हेतू किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया जिसमें 2000 से 4000 रुपए मुआवजा दिया गया है, जबकि रेल कॉरिडोर हेतू अधिग्रहित की गई जमीन का मात्र 140 से 180 रुपए ही मुआवजा राशि दी गई है।

 

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