-समाजसेवा न होकर लूटखसोट का केन्द्र बन गये हैं प्राइवेट हास्पिटल -शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न होने से कथित डाक्टरों के हौसले बुलंद हैं।
अब्दुल मुईद सिटी रिपोर्टर एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स
प्राइवेट हास्पिटल वाले आपदा में अवसर का लाभ उठा रहे हैं।
-रूपया वसूली के चक्कर में बरती जा रही है घोर लापरवाही।
-बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर की जा रही ब्राण्डिंग व मार्केटिंग
बाराबंकी। जनपद में कई प्राइवेट हास्पिटल कुकरमुत्ते की तरह खुल गये हैं, और ब्राण्डिंग के लिए बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर फला-फला सुविधा उपलब्ध है आदि की बताकर करते हैं मोटी रकम वसूली। कोविड-19 के समय इन प्राइवेट हास्पिटल वालों की चांदी हो गई है मनमानी जांच के नाम पर, दवा में भी कमीशन, जांच रिपोर्ट में भी कमीशन यहाँ तक एक दूसरे डाक्टर के यहां रेफर करने का भी कमीशन खा रहे हैं और इनका कान्टेक्ट नहीं हो पता नहीं तो कफन में भी कमीशन खा ले। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी जिला प्रशासन के साथ-साथ जनपद के जनप्रतिनिधि सोया करते हैं और आम जनता अकाल मौत के काल में समा जाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में बहुत से प्राइवेट हास्पिटल हैं जिनके द्वारा दावा किया जाता है कि हमारे यहां सभी प्रकार की बीमारियों के फला-फला डाक्टर हैं, इन बीमारियों का सफल इलाज किया जाता है किन्तु जब वहां पहुंचने पर मालूम चलता है कि कोई भी डाक्टर उनके यहाँ मौजूद नहीं है, मात्र खानापूर्ति के लिए कथित डाक्टरों के नाम अंकित कर दिये जाते हैं कि विभागीय कार्यवाही न हो। शहर के घोसियाना तथा आनंद भवन के सामने देवा रोड, नाका पैसार, नाका सतरिख, दशहराबाग, आवास विकास, लखपेड़ाबाग, पल्हरी चैराहा, नबीगंज, बेगमगंज, सिविल लाइन्स, छाया चैराहा, राजकमल रोड, बस स्टाप आदि में बहुत से डाक्टर हैं और अपनी राजनैतिक पहुंच के कारण मरीजों से लूट खसोट वर्तमान समय में बहुत तेजी से कर रहे हैं और जब कोई घटना हो जाती है तो विभाग जांच के नाम पर उन डाक्टरों से वसूली करके उनको क्लीन चिट दे देता है इसी कारण इन प्राइवेट हास्पिटल वालों की दिन दूनी रात चैगनी कमाई होती रहती है, लेकिन इन मुद्दों पर न कोई सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधि आवाज उठाता है और न ही विपक्षी पार्टी। आजकल मीडिया हो या सोशल मीडिया सब पर भ्रामक मुद्दे छाए रहते है। जिससे आम जनता व मीडिया का ध्यान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर न जाये। जनता रात-दिन अपनी भ्रामक पोस्टों में उलझी रहती है। सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्वीटर आदि पर खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के विरोध जनता को एकजुट होना पड़ेगा वरना यह हास्पिटल वाले एक-एक करके सभी का खून चूसते रहेंगे। मूलभूत समस्याओं के मुद्दे धीरे-धीरे सोशल मीडिया से गायब होते जा रहें हैं। सबसे ज्यादा स्वास्थ्य समस्याओं से आम गरीब इंसान सहित हर किसी को जूझना पड़ रहा हैं। निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर परिजनों से किस तरह लूट हो रही हैं जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती हैं। मरने के बाद शव तभी देते है जब सारा हिसाब किताब अस्पताल के बिल का कर पाओगे। कुछ प्राइवेट हास्पिटल वाले तो जमीन तक गिरवी रखवा देते हैं। कई हास्पिटल वाले तो साइलेंट लुटेरे साबित हो रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रशासन को जल्द ही सरकारी हास्पिटल की ओ0पी0डी0 व चिकित्सा सुविधाएं तत्काल समुचित रूप से चालू कर देनी चाहिए ताकि कोरोना काल में मृत्यु दर को कम किया जा सके। कोरोना काल में समुचित इलाज न मिलने से कई लोगों को मृत्यु हो रही है, और इसी आपदा का अवसर लाभ उठा रहे हैं जनपद के प्राइवेट हास्पिटल वाले।
वर्तमान समय में सभी नागरिकों को मिलकर इस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाते हुए प्राइवेट हास्पिटल के लूट खसोट को रोकने के लिए एक क्रांतिकारी आवाज उठानी चाहिए ताकि जनपद में फैले प्राइवेट हास्पिटल वालों के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे अन्यथा यह प्राइवेट डाक्टर इसी तरह जनता का खून चूसते रहें और आम जनता इनके आतंक का शिकार होकर मौत के आगोश में पहुंचती रहेगी। जनता स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्याओं के मुद्दे को भूलकर बेवजह के मुद्दों पर इसी तरह अपनी ऊर्जा शक्ति खपाती रहेगी, जिससे उनकी राजनैतिक परेशानियां न बढ़े और वह अपनी रोटियां सेकते हुए मलाई काटते रहे।
क्रमश………………. जय हिंद!
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अब्दुल मुईद
सिटी रिपोर्टर एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स