बच्चे को बनाने व बिगाड़ने में माता-पिता की अहम भूमिका……..

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

बाराबंकी। बच्चे को बनाने व बिगाड़ने में माता-पिता की अहम भूमिका होती
है, यदि माता-पिता ने जरा सी लापरवाही की तो बच्चे का जीवन नारकीय हो
सकता है, इसका जीता-जागता उदाहरण बाराबंकी में उस समय देखने को मिला जब
एक 14 वर्षीय किशोर नशे की लत में आकर शहर की गलियों में भीख मांगते देखा
गया जिसे चाइल्ड लाइन बाराबंकी की टीम ने बालक का रेस्क्यू करके मेडिकल
परीक्षण कराया और राजकीय बालगृह मोहान रोड, लखनऊ में दाखिल कराकर नशा
मुक्ति का उपचार कराया जा रहा है। गौर तलब है कि कोरोना महामारी के प्रथम
लाॅकडाउन में 12 अप्रैल को शहर के गन्ना संस्थान परिसर में बने एक छोटे
से मंदिर पर जनपद रायबरेली के कुढ़ा बघेल गांव निवासी एक 14 वर्षीय किशोर
विकास (काल्पनिक नाम) लावारिश दशा में पाया गया है था जिसे सूचना पर
चाइल्ड लाइन की टीम ने पुलिस अधीक्षक के सहयोग से बालक के माता-पिता के
घर ले जाकर उसे परिजनों के संरक्षण में सौंपा गया था। तत्समय बालक के
पिता ने कहा था कि वह मेरठ के एक होटल में काम करते हें और लाॅकडाउन में
फंसे हैं इसलिए बालक को लेने बाराबंकी नही आ पा रहें हैं। चाइल्ड लाइन ने
बाराबंकी पुलिस की मदद से बालक को उसके घर रायबरेली भेजा था। बीते रविवार
को वही बालक बाराबंकी के पुलिस लाइन चैराहा पर नशे की हालत में फिर
दिखाई दिया। चाइल्ड लाइन ने बालक को अपने संरक्षण में लिया और कोविड-19
टेस्ट कराया। कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई किन्तु बालक नशे का
इतना आदी हो गया है कि वह बिना नशा किये ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा है।
फिलहाल बालक के परिजनों से चाइल्ड लाइन टीम ने सम्पर्क किया तो परिजन
बालक को लेने में कोई रूचि नही लिये है और बालक को राजकीय बालगृह में
दाखिल कराकर उपचार कराया जा रहा है। चाइल्ड लाइन का प्रयास है कि बालक इस
नशे की लत से बाहर निकले और व समाज की मुख्य धारा से जुड़े।
बाक्श
बाराबंकी। नशे में धुत बालक ने बाराबंकी नगर में नशे के कारोबार को उजागर
कर दिया है। गन्ना संस्थान परिसर में नशेड़ी लोगों का जमावड़ा लगता है।
यहां पर तमाम नाबालिग बच्चे व महिलाएं भी नशेड़ियों के सम्पर्क में आकर
नशे के आदी बन रहे हैं। रविवार को पुलिस लाइन चैराहे पर भीख मांगने वाली
एक महिला के साथ किशोर विकास उस समय मिला जब वह लोगों से भीख मांगकर
महिला के लिए चाय व नाश्ता का इन्तजाम कर रहा था। इन भिखारियों के पास
नशे का सामान, ड्रग, चरस व गांजा कहां से आता है, बच्चों को नशे की आदत
डालकर उनसे भीख मंगवाया जाता है, इसकी जांच कराकर धरपकड़ की जानी चाहिए।

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