भाकियू का प्रदर्शन, पीएम से अध्यादेश वापस लेने की मांग गन्ना दफ्तर में भाकियू ने की पंचायत

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

बाराबंकी। देश के किसानों के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा कृषि अध्यादेश राज्यसभा में पारित होने के बाद किसानों में इसके प्रति गम व गुस्सा साफ दिखाई दिया। भाकियू के राष्ट्रीय आह्वान पर जनपद मुख्यालय पर किसानों द्वारा प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन देकर उक्त अध्यादेशों को वापस लेने की मांग के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग की गयी। मालूम हो कि कोरोनाकाल के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा 5 जून को तीन अध्यादेश लाए गए। अध्यादेशों पर बवाल तब बढ़ा जब इन्हें लोकसभा के बाद रविवार को सरकार ने राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद पास कर दिया गया। इसके खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ‘टिकैत‘ के राष्ट्रीय नेतृत्व ने सोमवार को प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में सोमवार को भाकियू जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा के नेतृत्व में सैकड़ो किसान गन्ना दफ्तर के प्रांगण मे जमा हुए और पंचायत शुरू की। पंचायत को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष राम किशोर पटेल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जिन अध्यादेशों को किसान हितैषी बता रही है हकीकत में वह देश के किसानों को कुचलने की साजिश है। सरकार का मन यदि वाकई में साफ था तो महामारी के दौरान इन अध्यादेशों को लाने में इतनी हड़बड़ाहट क्यों।उन्होंने ये भी कहा कि जब अध्यादेश लाये जा रहे थे किसान संगठनों के साथ कृषि विशेषज्ञों से राय क्यों नही ली गयी।किसान की पीड़ा उसकी समस्याएं यदि ए सी में बैठने वाले नेता जान पाते तो किसान आज बदहाल न होता। पंचायत को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि किसानों के हकों को मारकर इसका लाभ पूंजीपतियों को पहुंचाने की साजिश है सरकार की।केंद्र सरकार लगातार देश के किसानों को भृमित कर रही है कि देश का किसान अब देश के किसी भी हिस्से में अपना अनाज बेंच सकता है बल्कि यह कानून तो पहले भी था।सरकार यदि किसानों को लेकर वाकई में चिंतनशील थी तो उसको न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाना चाहिए था।सरकार दाम से कम कीमत पर अनाज खरीदेंने वालो पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाता।जिससे उन्हें सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य का लाभ मिलता। उन्होंने आगे कहा कि सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम हटाकर पूंजीपतियों के कालाबाजारी के रास्ते खोल रही है,इसका खामियाजा आम जनता को भी भुगतना पड़ेगा।इतिहास की पहली सरकार है जो किसानों के लिए अध्यादेश लायी है लेकिन किसान तबका ही उस कानून से गम और गुस्से में हैं इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा।भाकियू इसके लिए आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। आज की पंचायत को पूर्व जिलाध्यक्ष राम हर्ष वर्मा,हौसिला प्रसाद,शांति भूषण सिंह,उत्तम सिंह,बाबादीन,राम सेवक रावत आदि ने भी सम्बोधित किया। पंचायत में अनुपम वर्मा,दिनेश चन्द, राधेलाल,मीडिया प्रभारी सतीश वर्मा ‘रिन्कू‘ रामानन्द, प्रमोद कुमार, रईस अहमद,कृष्ण पाल सिंह बबलू,ओम प्रकाश वर्मा,दीपू वर्मा,पप्पू वर्मा,लायकराम यादव,संजय रस्तोगी,आदि उपस्थित रहे।

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

 

 

 

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