बहराइच के भ्रष्टाचारियों की काली कमाई पर कब चलेगा सरकारी बुलडोजर

डीपी श्रीवास्तव

घोटाला-ए- मेडिकल- कालेज

बहराइच।एक बी0डी0ओ0द्वारा चौबीस घंटों के अंदर भ्रष्टाचार की स्क्रिप्ट बदले जाने का मामला अभी थमा भी नहीं था कि गत दिनों महाराजा सुहेलदेव चिकित्सालय महाविद्यालय के निर्माण में किए गए करोड़ों के घोटाले ने सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजधानी तक को हिला दिया है।जिसमें सबसे बड़ा योगदान बहराइच के ही भ्रष्टाचारियों का होने के बाद भी समय-समय पर नवनिर्मित महाविद्यालय का निरीक्षण कर रहे जिले के बड़े बड़े अधिकारी मंत्री व नेता भी निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार की दुर्गंध को न सूंघ सके।जिसका सीधा परिणाम आज एक बड़े भ्रष्टाचार के रूप में देखने को मिल रहा है।वो भी तब जब इसके आनरेबल मेंबर स्वयं राज्यपाल आनंदी पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना,डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजुकेशन के0के0 गुप्ता,प्रिंसिपल अनिल कुमार साहनी,व प्रिंसिपल सेक्रेट्री रजनीश दुबे स्वयं हों।

मालूम हो कि गत दिनों मामलों का खुलासा तब हुआ जब निर्माण कार्य का ठेका पाए नोएडा उत्तर प्रदेश की यूनिवर्सल कंपनी ने शासन को अवगत करवाते हुए यह लिखा कि उसके कंपनी को आधार बनाकर तमाम फर्जी पत्रों के सहारे कई फर्मों द्वारा करोड़ों रुपए की हेराफेरी बहराइच मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के नाम पर किया गया है।जिस पर शासन द्वारा मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए मामले की जांच करवाई गई।जिसमें राज्य निर्माण निगम के पांच अधिकारियों सहित 35 मटेरियल सप्लायरों पर अपर परियोजना प्रबंधक की तहरीर पर थाना देहात कोतवाली में एफ0आई0आर0दर्ज करवाते ही 5 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।जिसमें सहायक अभियंता एचपी भट्ट,उप अभियंता रामाधार सिंह यादव,अपर परियोजना प्रबंधक जीसी चतुर्वेदी,लेखाकार प्रदीप कुमार अग्रवाल व इकाई प्रभारी विनोद कुमार शामिल रहे।

मामले में खास बात यह भी रही कि हुए घोटाले में दर्जनभर से ऊपर फर्में बहराइच की ही शामिल होने के बाद भी बहराइच के तेज तर्रार अधिकारी फैल रहे भ्रष्टाचार के दुर्गंध को रोकने में सिर्फ नाकाफी ही साबित नहीं हुए बल्कि बौने भी नजर आए।35/ 22 फर्मे बहराइच की होने के बाद भी उनका कनेक्शन नोएडा से ही जुड़ा रहा जिसमें बहराइच की फर्में मेसर्स अग्रवाल ट्रेडिंग,मेसर्स आयरन एंड स्टील, मेसर्स मारुति नन्हन इंफ्रा इंटरप्राइजेस,मेसर्स लक्ष्मी आयरन एंड स्ट्री,मेसर्स फलक जनरल ऑर्डर सप्लायर, मेसर्स एसके कंस्ट्रक्शन,मेसर्स प्रिंस इएंटी उद्योग,मेसर्स दिलशाद इंटरप्राइजेज, मेसर्स इंडिया इंटरप्राइजेज,सभी दरगाह रोड थाना दरगाह शरीफ से संबंधित होने के साथ-साथ कई अन्य मेसर्स जैन आयरन स्टोर,मेसर्स हनुमंत इंटरप्राइजेज,मेसर्सजीबी बिल्डिंग मैटेरियल,मेसर्स जय अंबे ट्रेडिंग कंपनी,मेसर्स स्टार ब्रिक फील्ड,मेसर्स उमर एंड ब्रदर मेसर्स उषा एंटरप्राइजेज,मेसर्स सरदार जी व कुछ अन्य सहित दो अज्ञात अपने अपने काले कारनामों को लगातारअंजाम देती रहीं।बावजूद इतने बड़े मामले में अभी तक किसी एक की गिरफ्तारी न होना जहां पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है वहीं कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं बी0डी0ओ0 साहब का अनुसरण कर इस मामले की भी स्क्रिप्ट न बदल दी जाए।

हालांकि सूत्रों की मानें तो सारा खेल नोएडा की यूनिवर्सल कंपनी का ही होना बताया जा रहा है जिसने बहराइच के कई छोटे-छोटे फर्मों को ठेका देने का काम किया है।जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक के कई लोग शामिल बताए जा रहे हैं।लेकिन अब जब खुद उसी की गर्दन फंस गई तो तमाम मगरमच्छों को बचाने के लिए कंपनी ने कई फर्मों को लपेटने में ही अपनी भलाई समझी।सूत्र बताते हैं कि शासन द्वारा जिस गंभीरता के साथ उक्त प्रकरण पर जांच करवाकर मामले को उजागर करवाया गया है यदि उसी धार से लगातार चाबुक चलवाया जाता रहा तो मामले में और भी कई बड़े चेहरों के साथ साथ कई सफेदपोशों के भी नाम प्रकाश में आ सकते हैं।उक्त मामले में जब और अधिक जानकारी के लिए थाना देहात कोतवाली प्रभारी के सरकारी नम्बर पर बात करने की कोशिश की गई तो कई मर्तबा नंबर मिलाने पर भी उनका सेल फोन नॉट रिचेबल बताता रहा।

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