डीएम ने हरी झण्डी दिखाकर खुरपका-मुहॅपका रोग टीकाकरण अभियान का किया शुभारम्भ
शमीम अंसारी: एसएम न्यूज24टाइम्स .
बहराइच 01 अक्टूबर। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत खुरपका-मुहॅपका रोग टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए पशु पालको में जन जागरूकता लाये जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने कलेक्ट्रेट परिसर से अभियान का शुभारम्भ करते हुए पशुपालन विभाग के 14 बहुउद्देशीय वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि यह बहुउद्देशीय वाहन सम्बन्धित विकास खण्डों में पहुंचकर पशुओं के टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करेंगे तथा टीकाकरण का कार्य भी करेंगे। उन्होनें बताया कि 31 अक्टूबर 2020 तक संचालित होने वाले पशु टीकाकरण अभियान में जनपद के 1054 ग्राम पंचायत में पशु पालकों के लक्षित 764738 गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य है। उन्होनें बताया कि पशु टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु ब्लाक स्तर पर ब्लाक स्तरीय पशु चिकित्साधिकारियों एंव जनपद स्तर पर एक जनपदीय अधिकारी को नोडल नामित किया गया। पशु टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए जनपद में 65 टीमो का गठन किया गया है जिसमें 31 पशु चिकित्साधिकारी, 21 पशुधन प्रसार अधिकारी, 25 चतुर्थ श्रेणी, 766 पैरावेट एवं बैक्सीनेटर तथा 618 हेल्पर शामिल है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. सिंह ने बताया कि खुरपका-मुहॅपका रोग विषाणु जनित रोग है जो मुख्यतः गोवंशीय महिषवंशीय, भेड़, बकरी एवं सूकर प्रजाति के पशुओं में होता है। इस बीमारी में पशु को तेज बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट, मुॅह से लार गिरना, झाग आना एवं चप-चप की आवाज आने के साथ ही पशु के जीभ खुरो के बीच एवं थनो में छाले पड़ जाता है जिससे पशु लंगड़ाने लगता है और चारा पानी छोड़ देता है।
उन्होने बताया कि नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का अपने-अपने क्षेत्र में पब्लिक एड्रेस सिस्टम से 14 बहुउद्देशीय वाहनों के माध्यम से तथा लिफलेट, पोस्टर एवं वाल रायटिंग के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य किया जायेगा। सभी सम्बन्धित को निर्देश दिये गये है कि टीकाकरण में प्रत्येक पशु को नई नीडिल से ही टीकाकरण करते हुए टैग लगाकर इनाफॅ पोर्टल पर फिडिंग किया जाय। उन्होंने यह भी बताया कि टीकाकरण से पूर्व 100-100 गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं को प्रीवैक्सीनेशन एवं टीकाकरण के एक माह के पश्चात् उन्हीं पशुओं का पोस्ट प्रीवैक्सीनेशन सैम्पल एकत्र कर टाइटर जांच हेतु प्रयोगशाला को भेजा जायेगा जिससे यह पता चल सके कि पशुओं में टीकाकरण के पश्चात् कितनी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है। इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल कुमार, डिप्टी सीवीओ डा. शिव कुमार रावत, डा. शिवनाथ यादव, डा. आर.सी. वर्मा डीडीएचईएचओ बृजेश सिंह सहित पशु चिकित्सधिकारी व अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।