सफीपुर उन्नाव ।स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है। मगर लगभग एक माह से रेडियोलॉजिस्ट न होने से रेडियोलॉजी विभाग खाली पड़ा है और मशीन शो पीस बनी रखी हुई है। बाहर से भव्य दिखने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले लगभग आठ महीनों से कोरोना वायरस के कारण एक भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया है।यहां से रेडियोलॉजी विशेषज्ञ का लगभग एक माह से पद खाली पड़ा है। इससे पहले रेडियोलाजी डॉ. ललित इस पद पर कार्यरत थे, लेकिन उनका प्रमोशन होने के साथ उनकी तैनाती जिले पर हो गयी ।रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में सफीपुरके सरकारी अस्पतालों में लाखों रुपए की कीमत की मशीनें धूल फांक रही हैं। विभाग ने इस मशीन को कमरे में बंद कर रखा है। क्षेत्र भर के करीब 100 से 150 मरीजों को रोजाना अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ती है। इससे अल्ट्रासाउंड कराने पर क्षेत्र के सामान्य ओपीडी में आने वाले मरीजों को भी अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर जाना पड़ता है और 700 से 800 रुपये तक भुगतान करना पड़ता है। अस्पताल में दाखिल मरीजों को भी अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए बाहर से ही करना पड़ता है। इससे अतिरिक्त खर्च के साथ ही मानसिक और शारीरिक परेशानी भी मरीज को झेलनी पड़ती है।
सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को अस्पताल के प्रसूति वार्ड में रोजाना औसतन 50 से 100 महिला मरीजों की ओपीडी होती है। इनमें से प्रति 15 दिनों के करीब गर्भवती महिलाओं को कोई भी परेशानी होने पर उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लिखा जाता है।
गर्भवती महिला को नौ माह में दो बार अल्ट्रासाउंड की जरूरत होती है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से महिलाओं को मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलती है। अब अल्ट्रासाउंड निजी केंद्र एक बार में 800 रुपये का भुगताना करना पड़ता है और दो बार में 1400 रुपए देना पड़ता है।
इस सम्बन्ध में जब चिकित्सा अधीक्षक डॉ कौशलेंद्र प्रताप से बात की गई तो उन्होंने बताया की लगभग 1 माह से यह पद रिक्त पड़ा हुआ है कोई चिकित्सक तैनात नहीं है। इस संबंध में में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अवगत कराऊंगा । जिससे इस पद की पूर्ति होने से आने वाले मरीजों व गर्भवती महिलाओं के होने वाले अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया कराई जा सके। जिससे उन्हें जांच के लिए निजी केंद्रों में न जाना पड़े।