उन्हें ओबामा का महिला वर्जन कहा जाता है…कमला हैरिस अमरीका के इतिहास की पहली महिला उपराष्ट्रपति…कई बार मनवा चुकी हैं अपनी क्षमताओं का लोहा!

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

कमला हैरिस ने अमरीकी लोकतंत्र के इतिहास में एक बड़ा रिकार्ड बनाया है कि वह पहली महिला उप राष्ट्रपति बन गई हैं। अफ़्रीक़ी-एशियाई मूल की वह पहली एसी महिला हैं जो अमरीका के दूसरे सबसे बड़े पद पर पहुंचने में सफल हुईं।

केलीफ़ोर्निया में उन्होंने एटार्नी जनरल का पद हासिल करके भी रिकार्ड बनाया था। उनका पूरा नाम कमला देवी हैरिस है जिनका जन्म 1964 में हुआ। उनकी मां भारतीय और पिता जमैकन प्रवासी थे। कमला के व्यक्तित्व के निर्माण में उनके भारतीय नाना नानी का बड़ा रोल रहा।वाशिंग्टन में हार्वर्ड युनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण करने वाली कमला ने सान फ़्रांसिस्को में मानवाधिकार के विषय पर शोध किया।पूर्व राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के स्टार लीडर बाराक ओबामा और कमला हैरिस की विचारधाराओं में बड़ी समानता है और ओबामा के समर्थन के कारण ही कमला को पार्टी में काफ़ी आगे बढ़ने में मदद मिली। विचारों की समानता के कारण कमला को ओबामा का ही महिला वर्जन कहा जाने लगा है।

ओबामा ने ही जो बाइडन को प्रोत्साहित किया और यह बताया कि कमला हैरिस की योग्यता दरअस्ल उप राष्ट्रपति पद से ज़्यादा की है।कमला हैरिस ने दोग़ इमहोफ़ नाम के वकील से शादी की है जो अपनी पिछली पत्नी से दो बच्चों के बाप हैं।कमला हैरिस 2016 में सेनेट का चुनाव जीतीं वह अपने विचारों का डटकर बचाव करने के लिए विशेष ख्याति रखती हैं। कमला ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में भी अपनी क़िस्मत आज़माई मगर फिर उन्होंने जल्द ही हालात को देखते हुए अपना फ़ैसला बदल लिया।कमला हैरिस महिलाओं, अल्पसंख्यकों और हाशिए पर डाल दिए गए लोगों के अधिकारों की पुरज़ोर समर्थक मानी जाती हैं।

बाइडन चूंकि 78 साल के हो चुके हैं इसलिए समझा जाता है कि वह दूसरे टर्म के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे इसलिए अधिक संभावना इस बात की है कि 2024 में कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी।ट्रम्प ने 2017 में अमरीका में मुसलमानों के प्रवेश पर रोग लगाई तो इस निर्णय का खुलकर और ज़ोरदार अंदाज़ में विरोध करने वालों में कमला हैरिस भी थीं और उस समय भी उन्होंने साबित किया कि राजनैतिक और क़ानूनी लड़ाई के लिए उनके पास बड़ी योग्यता है।कमला हैरिस सेनेट की न्यायिक, वित्तीय, आंतरिक सुरक्षा और इंटेलीजेन्स मामलों की समितियों की सदस्य हैं।

कमला हैरिस उइगर मुसलमानों, हांगकांग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के बारे में चीन की नीतियों की कट्टर विरोधी हैं।मध्यपूर्व के मामलों में कमला हैरिस का मानना है कि फ़िलिस्तीन और इस्राईल दोनों की स्थापना होनी चाहिए उन्होंने 2018 में यहूदी लाबी आइपेक के सम्मेलन में वेस्ट बैंक में ज़ायोनी बस्तियों के निर्माण का विरोध किया था।सऊदी अरब के बारे में कमला हैरिस के बड़े कठोर विचार हैं और पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के बाद उन्होंने रियाज़ सरकार की आलोचना की थी। वह यमन युद्ध की विरोधी हैं और उनका कहना है कि यमन युद्ध के कारण सऊदी अरब को हथियारों की सप्लाई रोक देनी चाहिए।

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