जश्ने नूर में बरसे अक़ीदत के फूल , मांगी गई मुल्क के लिये चैन अमन की दुआएं
मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)
भटकी न फिक्र फिर कभी मदहे नबी के बाद – डा 0 मुहिब रिज़वी
बाराबंकी । जश्ने नूर में बरसे अक़ीदत के फूल । कर्बला सिविल लाइन के निकट अली कालोनी स्थित डा 0 सारिब हुसैन मौरान्वी के आवास पर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स अ ) और जनाबे जाफ़रे सादिक़ (अ )के जन्मदिन के उपलक्ष में हुआ जश्ने नूर शोअराओं ने बरसाये अक़ीदतों के फूल । जश्न की शुरुआत तिलावते कलामे पाक से अयान अब्बास ने की । उस्ताद शायर डा 0 रज़ा मौरान्वी ने अपना बेहतरीन कलाम पेश करते हुए पढ़ा – मेरा मौला दे रहा है उदनो मिन्नी की सदा , फिर रसूले फिक़्र को मेराजे मिदहत क्यों न हो । मौलाना मो0 रज़ा ज़ैदपुरी नेअपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा-सुखन के फूल खिले हैं सना की चादर में,महक उसी की बसी है हवा की चादर में । डा 0 शारिब मौरान्वी नेअपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा – पहुँच चुके थे वो कुछ इतना रौशनी के क़रीब , बुझा चराग तो पलटे न तीरगी के करीब।अजमल किन्तूरी ने बेहतरीन निज़ामत के फ़राएज अंजाम देते हुए अपना कलाम पेश किया – खुदा का हुक्म हुआ है फलक के मकीन को , रौशन अब अपने नूर से करदो ज़मीन को । डा 0 मुहिब रिज़वी ने अपना बेहतरीन कलाम पेश करते हुए पढ़ा – भटकी न फिक्र फिर कभी मदहे नबी के बाद ,जाती कहाँ ये मुफलिसी शहरे सखी के बाद ।जाफ़र के बदले काजिमे तारीक के मुरीद , जन्नत की आरज़ू न करें खुदकुशी के बाद ।आरिज़ जर्गान्वी ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा – तक्मील ए मारेफत है मोहब्बत रसूल की , है बन्दगी खुदा की इताअत रसूल की ।मौलाना अली मेहदी ने अपने बेहतरीन अन्दाज़ में कलाम पेश करते हुए पढ़ा – वक़्त के मरहबो अन्तर से निपटने के लिए , फिर कोई फातहे खैबर सा गजनफर दे दे । मो0 मेहदी उर्फ़ शाज़ी नक़वी ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा – मुस्तफ़ा के साथ है सारा ज़माना देखिये , धड़कनों के साथ दिल का मुस्कुराना देखिये ।हाजी सरवर अली कर्बलाई ने भी अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा – वरूदे मुस्तफ़ा और आमदे मसऊदे जाफ़र है । मसर्रत दोहरी ईदों की मुहिब्बों को मयस्सर है । यहाँ फैली है खुशबू अब रिसालत और इमामत की , मशामे आलमे इंसानियत जिससे मुअत्तर है । इसके अलावा हसन मेहदी एडवोकेट ,सलीम क़ाज़मी ,ज़मानत अब्बास ,आसिफअख्तर बाराबंकवी , हैदर आब्दी , हैदर अब्बास , रज़ा मेहदी व अली सल्लमहू ने भी नज़रानये अक़ीदत पेश किया ।महफिल-ए-नूर के बाद सभी ने एक दूसरे के दी मुबारकबाद । मांगी मुल्क के लिए चैन अमन की दुआएं । शोशल डिस्टेन्सिन्ग व सेनेटाइजर के साथ सम्पन्न हुआ सफल महफ़िल का आयोजन ।
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