अमेरिका में हुए अध्ययन में पता चला
बोस्टन । जो लोग ‘पीएम 2.5’ सूक्ष्म कणों के संपर्क में अधिक समय तक रहते हैं, कोविड-19 से उनकी मौत होने की आशंका बढ़ जाती है। अमेरिका में तीन हजार से अधिक काउंटी पर किये गए एक नए अध्ययन से यह पता चला है। इस विश्लेषण के सामने आने के बाद पहले से ही प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे उत्तर भारत के क्षेत्रों में महामारी के रुख और उससे होने वाली मौतों की दर के प्रति चिंता बढ़ गई है। भारत की राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि पर श्वास रोग विशेषज्ञ चिंतित हैं लेकिन उनका कहना है कि प्रदूषण कारक सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) और कोविड-19 से होने वाली मौत के बीच अभी तक कोई प्रामाणिक संबंध स्थापित नहीं हुआ है।
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