अगर समाज सच्चा शीयाने हैदरे कर्रार हो जाये तो समाज से बुराई का खात्मा हो जाये – मौलाना इब्ने अब्बास अमली बरतरी आपनाये,नश्ली बरतरी सीरते शैतान है

नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

मालिक के सामने अपने आप को सिलेंडर कर देनेका नाम विलायत है

बाराबंकी । अगर समाज सच्चा शीयाने हैदरे कर्रार हो जाये तो समाज से बुराई का खात्मा हो जाये । यह बात  इमाम बाड़ा जनाब ए जैनब में मज्लिसे चेहलुम मरहूमा सालेहा खातून को खिताब करते हुये ।मौलाना इब्ने अब्बास ने कही उन्होने यह भी कहा कि बज़्मे नूर में रहने के बावजूद भी शैतानी सोंच रखने वाले को बज्म से निकाल  दिया जाता है ।अगर मिट्टी के पुतले को भी इर्फाने पन्जतन हो जाये तो फ़रिश्ते भी  सजदारेज़ हो जाते हैं । अमली बरतरी आपनाये, नश्ली बरतरी सीरते शैतान है । अहले बैत के हर अमल में दर्से  अमल होता है।आखिर में कर्बला वालों  के मसायब पेश किये जिसे सुनकर  मोमनीन रोने लगे।मजलिस से पहले डा 0 रज़ा ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा- गमे हुसैन मेरा जब से पेशवा  हुआ है,इबादतों का भी सर फक्र से उठा  हुआ है । अजमल किन्तूरी ने अपना कलाम पेश करते हुए  पढ़ा-अश्के गमे हुसैन मेरे साथ साथ है,अजमल मैं कब्र में भी तन्हा नहीं गया ।आरिज़ जर्गान्वी ने अपना कलाम पेश करते हुये पढ़ा- ज़माना आज भी हैरान है सोंचकर आरिज़ ,कहाँ तलाश करेन्जाकेन्तेहाये अली। मुजफ्फर इमाम ने निज़ामत के साथ कलाम पेश किया -खुत्बों से काट दे जो वो तलवार है जैनब,आबिद के साथ सब्र की दीवार है  जैनब ।हाजी सरवर अली करबलाई ने अपना कलाम पेश करते हुये पढ़ा-मुमकिन नहीं है शाह का गम हो सके  रक़म, सरवर तखैयुलात की चादर समेट ले । वहीं इमामबाड़ा  मीर मासूम अली में तीजे की मजलिस को किताब करते हुए मौलाना इब्ने अब्बास ने कहा दीन के फानूस में दुनियां हासिल करो।जिन्दगी कामयाब हो जायेगी। मालिक के सामने अपने आप को सिलेंडर कर देनेका नाम विलायत है।आखिर में जनाबे फतिमा  के मसायब पेश  किये जिसे सुनकर सभी रोने लगे।मजलिस की  निज़ामत मौलाना अली मेहदी ने की मजलिस का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से मौलाना अली मेहदी ने  किया।अजमल किन्तूरी ने पढ़ा -जब तिलावत को नज़र उठती है  सूरे की तरफ़, देखना पड़ता है पहले बे के नुक़्ते  की तरफ़।डा 0 मुहिब रिजवी ने पढ़ा-उसके इस्तक़बाल में कौसर खड़े हैं बाअदब,जो लिबासे तशनगी पहने हुये सजदे में है ।मौलाना अली मेहदी ने पढ़ा – वो शामाए गरीबां  है ज़ैनब की है तन्हाई ,जलते हुये खैमों में अब्बास की याद आई ।अयान सल्लमहू ने भी नज़रानये अक़ीदत  पेश किया । बानियाने मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

 

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