लेखपाल की धमकी के बाद किसान की हार्टअटैक से मौत गलती से खेत में जला दी थी पराली गृह स्वामी की अचानक मौत से परिवार में कोहराम

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

बाराबंकी। किसान की एक छोटी सी गलती की वजह से लेखपाल बना किसान की मौत का सबब। किसान की मौत से क्षेत्र मे आक्रोश व्याप्त है। खेत में पराली जलाने की सूचना पर हल्का लेखपाल ने बुजुर्ग किसान को दी कार्यवाही करने की धमकी। किसान की हुई मौत सूत्रों एवं परिजनों से पता चला कि किसान प्रदीप सिंह ने बीते गुरूवार को अपने खेत की पराली जला दी जिसकी सूचना गांव वालों ने हलके के लेखपाल को दी।लेखपाल राजेंद्र प्रसाद ने मौके पर जाकर पराली जलाने का वीडियो और फोटो ले लिया और इसकी सूचना किसान प्रदीप सिंह को देते हुए कार्यवाही की बात कही। किसान सहम गया और अगले दिन शुक्रवार को प्रधान के साथ किसान प्रदीप सिंह लेखपाल से मिलने तहसील पहुंचे तो लेखपाल राजेंद्र प्रसाद ने कार्यवाही से बचने के लिए कहा कि खेत में जुताई करा दो और इसकी सूचना एसडीएम को भी है कार्यवाही का डर भी दिखाया।किसान लेखपाल की बाते सुनकर सहमा हुआ प्रधान के साथ घर आया और परिजनों के मुताबिक वह थोड़ी देर घर में गुमसुम-सा बैठा रहा और अचानक उसके सीने मे दर्द होने लगी।दहशत में आये किसान को पड़ा हार्ट अटैक, परिजन ने हालत खराब देखकर आनन-फानन में पास के बीएचएल स्थित अस्पताल ले जाने लगे लेकिन किसान प्रदीप सिंह ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।किसान की मौत से घर में मचा कोहराम। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। तो वही यह पूरा मामला जानने के बाद लेखपाल के हाथ-पैर फूल गए और लेखपाल अपने आप को बेगुनाह बता रहे हैं। लेखपाल भले ही अपने आपको बेगुनाह मान रहा हो सच्चाई ये है कि लेखपाल मुर्तक किसान को ब्लेक मैन करने की कोशिश कर रहा था जब बात नहीं बनी तो किसान परेशान हो गया जिससे उसकी मौत हो गई है। वहीं पुलिस प्रशासन भी सकते में है। सपा ने किसान के आश्रितों को एक करोड़ की मुआवजा देने की मांग की है।

सुबेहा पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में

हैदरगढ़ बाराबंकी। बली गेरावां गांव में राजस्व प्रशासन की धमकी के बाद हुई किसान की मौत के मामले में स्थानीय सुबेहा पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। ग्रामीणों की माने तो ग्रामीणों के साथ जब परिजन लेखपाल के विरुद्ध मुकदमा लिखाने थाने गए तो वहां पर मौजूद थानाध्यक्ष ने परिजनों की तहरीर लेने से ही इनकार कर दिया काफी दबाव के बावजूद जब थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह तहरीर लेने पर तैयार भी हुए तो उन्होंने कहा कि तहरीर मेरे हिसाब से लिखी जाएगी। फिलहाल परिजन क्या करते आखिरकार जिस प्रकार की तहरीर थानाध्यक्ष लेना चाहते थे उसी प्रकार की तहरीर परिजनों से लिखाई गई जिसको लेकर भी स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

 

 

 

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