जयन्ती पर याद किए गए लोकबंधु राजनारायण

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

बाराबंकी। लोकबंधु राजनारायण आम आदमी के हित चिंतक थे। इनकी बेहतरी के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। वह इंसानियत और मानवता के वैचारिक प्रकाश स्तम्भ रहे हैं। वर्तमान परिदृश्य में समाज से ओझल हो रहे ईमानदारी व इंसानियत के पैरोकार लोकबंधु राजनारायण को याद करना प्रासंगिक है। यह बात गाँधी भवन में समाजवादी योद्धा, एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री लोकबंधु राजनारायण की 103 वीं जयंती पर स्मृति दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने कही। श्री शर्मा ने राजनारायण के साथ बिताये कई संस्मरण सुनाए। उन्होंने बताया कि गरीबों के मसीहा लोकबंधु राजनारायण जी के ओजस्वी विचार, समदर्शी व्यवहार और नैतिक जनसरोकार आज भी हमारे बीच प्रासंगिक हैं और आगे भी यथावत बने रहेंगे। भारतीय राजनीति में उनकी पहचान लोक प्रहरी के रूप में बनी रही। वह कबीर परम्परा के ऋषि पुरुष थे। श्री शर्मा ने कहा कि डॉ लोहिया के बाद लोकबन्धु राजनारायण ही समाजवादी आंदोलन के कर्मठ और संघर्षशील योद्धा थे। उन्होंने दलितों, शोषितो की आवाज को उथानेउ का काम किया। बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में दलितों के प्रवेश के लिए आंदोलन किया और दलितों को उनका अधिकार दिलाया। इस मौके पर प्रमुख रूप से अशोक शुक्ला, पाटेश्वरी प्रसाद, मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, सत्यवान वर्मा, अभिषेक तिवारी, पीके सिंह, संतोष शुक्ला, मनीष सिंह, अशोक जायसवाल, मो अदीब इकबाल, अनिल यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)

 

Don`t copy text!