भारत बंद से देश की अर्थव्यवस्था को लगेगा करीब 25 हजार करोड़ रुपये का फटका
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ
नई दिल्ली । किसानों के भारत बंद के ऐलान से देश के कारोबार ठप होने से अर्थव्यवस्था को भारी क्षति उठानी होगी। बंद राजनीतिक दल करे या किसान या मजदूर, इसका अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर को होता ही है। उद्योग संगठन कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) का एक अनुमान है कि एक दिन से भारत बंद से अर्थव्यवस्था पर 25 से 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। सीआईआई के एक अनुमान के मुताबिक एक दिन के बंद से देश की अर्थव्यवस्था को तुरंत के तुरंत 25 से 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो जाता है। संगठन (सीआईआई) का कहना है कि भारत बंद खत्म होने के बाद सेवाएं तो दोबारा शुरू हो जाती हैं, लेकिन बंद के दौरान जो नुकसान होता है, उसकी कभी भरपाई नहीं हो पाती है। इसे इस तरह से समझें कि कोई होटल या रेस्टोरेंट एक दिन बंद रहा तो उसका उस दिन हुआ नुकसान अगले दिन नहीं भर सकता। उसकी उस दिन की कमाई तो चली ही गई।
कुछ दक्षिण एशियाई देशों जैसे भारत और नेपाल में सरकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर असंतोष जताने का तरीका है देश को बंद करना। इस दौरान अधिकतर नागरिक सेवाएं बंद हो जाती हैं या अस्त-व्यस्त हो जाती हैं। देखा जाए तो भारत में नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने के लिए बंद का अधिकार है। संविधान की धारा 19 के तहत राइट टू प्रोटेस्ट का अधिकार मिला हुआ है। इसे इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 1947 का भी सहारा मिलता है। भारत में एक ही मुद्दे पर राजनीतिक दलों का स्टैंड अलग अलग होता है। देखा यह गया है कि कोई राजनीतिक दल जब सत्ता में होती है तो वह उसी मुद्दे का समर्थन करने लगती है, जिसका विपक्ष में रहते हुए विरोध किया है। इसी तरह कोई पार्टी जब सत्ता में रहती है तो जिस मुद्दे का विरोध करती है, उसी का विपक्ष में आने के बाद समर्थन करने लगती है।
Related Posts