सर्दियों में बढ़ जाती है अस्थमा के मरीजों की दिक्कत, बरतें सावधानियां

घर के अंदर ही रहना ही ठीक, मुंह और नाक को मास्क से कवर करके ही निकलें बाहर

नई दिल्ली। लगभग सभी लोगों को अच्छा लगने वाला ठंड का मौसम साथ कई तरह की दिक्कतें भी लेकर आता है। खासतौर से अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत तकलीफ देने वाला होता है। अस्थमा के मरीजों के वायुमार्ग में सूजन होती है, जो ठंड में और बढ़ जाती है जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। सर्दियों के मौसम में ठंडी, शुष्क हवा से नाक के वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। इसके अलावा इस मौसम में कोल्ड, फ्लू और वायरस का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम में बलगम भी ज्यादा बनता है। ये सारी चीजें इंफेक्शन को बढ़ाती है जिसकी वजह से अस्थमा के मरीजों के सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

अस्थमा के अटैक से बचने के लिए घर के अंदर ही रहना ठीक होता है। बाहर जाना भी हो तो अपने मुंह और नाक को मास्क से पूरी तरह कवर करके ही निकलें। सर्दियों के मौसम में शरीर में पानी की कमी ना होने दें और तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं। ये फेफड़ों में बलगम को पतला रखता है जिससे ये शरीर से आसानी से बाहर आ जाता है। अस्थमा के मरीजों को धूल-धक्कड़ से भी दिक्कत होती है। इसलिए घर को हमेशा साफ-सुधरा रखें। इसके अलावा इनहेलर हमेशा अपने पास रखें। अपने हाथ समय-समय पर धोते रहें। अगर आप अपनी आंखें, नाक और मुंह छूते हैं तो हाथ धोते रहने से वायरस बॉडी के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को तंबाकू या धूम्रपान से भी दूर रहना चाहिए। ज्यादा ठंड पड़ने से पहले ही अपने अस्थमा को कंट्रोल करने की कोशिश करें।

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