शौचालय निर्माण सिर्फ कागज पर हो गई तैयार आधेअधूरे शौचालय बनाकर छोड़ा, नहीं पुरसाहाल सरकारी पैसे की हो रही बर्बादी, अधिकारी मस्त

रिपोर्ट शमीम अंसारी: एसएम न्यूज24टाइम्स

हैदरगढ़ बाराबंकी। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के भारत में स्वच्छ भारत को लेकर गम्भीर है। तो वही जनपद के कुछ अधिकारी प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने में लगे हुवे है। हैदरगढ़ क्षेत्र मे गांवों को खुले में शौच मुक्त करने के उद्देश्य से करोड़ों रूपये पानी की तरह खर्च कर दिये गये लेकिन वास्तविकता आज भी सीधा इसके विपरीत है, तमाम गांव ऐसे भी है जहां आज भी लोग खुले में शौच जाने को विवश है क्योंकि इसके पीछे का कारण गांव में अधूरे पड़े शौचालय है ऐसे में कागजी दावे बेमानी लगते है। इस सबसे तो साफ कहा जा सकता है कि यह सरकारी पैसों की बर्बादी नहीं तो और क्या है। गुणवत्ता विहीन शौचालय तो बनवाये ही गये ही है साथ उन्हें आधे- अधूरे बनाकर छोड़ दिया गया है, जिनकी अब कोई पुरसाहाल लेने वाला कोई नहीं है। ये अधूरे शौचालय कब पूर्ण होंगे। इसका जवाब किसी जिम्मेदार अधिकारी के पास नहीं है। कुलमिलाकर भ्रष्टाचार ने सरकार की मंशा पर सीधा पानी फेर दिया है। उदाहरण के तौर पर स्थानीय विकास खण्ड हैदरगढ़ की ग्राम पंचायत रानीपुर में आपको इसकी सच्चाई देखने को मिल जायेंगी। जहां पर करीब दो वर्ष से अधूरे शौचालय निर्माण की राह देख रहे है। गांव की रहने वाली मालती पत्नी अनिल कुमार व शंकुतला पत्नी माताफेर का शौचालय दो वर्ष से अधूरा पड़ा है। शौचालय में छत नहीं है और गड्ढे ढक्कन बिना नदारद है। इन लाभार्थियों का कहना है कि दो वर्ष से हमारे शौचालय अधूरे है हमनें कई बार प्रधान से कहा लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। केवल सरकारी पैसों का दुरूपयोग हुआ है। इसी तरह विकास खण्ड और तमाम ग्राम पंचायतें है जहां आज अधूरे शौचालय पूर्ण होने की राह देख रहे है कागजों पर तो मिलीभगत से गांवों को खुले शौच से मुक्त कर दिया गया है धरातल की वास्तिवकता कोई परखने वाला है, शायद विभागीय अधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं है कि सरकार की योजनाओं की ठीक से मानटरिंग कर सकें। जानकारी के मुताबिक तमाम ऐसे भी गांव है जहां पर मानक विहीन बनाये गये शौचालय वर्तमान समय में अपना वजूद खोने की कगार पर पहुंच गये है जो निष्प्रोज्य साबित हो रहे है इसके पीछे खेल किसी से छिपा नहीं है। निर्माण के दौरान धांधली की शिकायतों को यदि ब्लॉक में बैठे जिम्मेदार गम्भीरता से लेते, तो शायद सरकार की यह महत्वाकांक्षी विकास योजना जरूर परवान चढ़ जाती लेकिन ऐसा हुआ नहीं है, अफसोस है कि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी नौकरशाहों का पुराना नहीं सुधर रहा है जिससे सरकार की विकास परक योजनाएं धरातल पर वास्तविक रूप नहीं ले पा रही है जो चिंता का विषय है। वहीं रानीपुर में पड़े अधूरे शौचालयों को लेकर पंचायत सचिव विद्रंराज यादव ने बताया कि ये शौचालय हमारे समय के नहीं है ये पहले के है।

रिपोर्ट शमीम अंसारी: एसएम न्यूज24टाइम्स

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