बहुत अधिक अलसी का सेवन फायदे की जगह पहुंचा सकता है नुकसान

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8004283330

बड़ी मात्रा में सेवन से दस्त और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम भी हो सकता है

नई दिल्ली। आज कल जितने भी फिटनेस फ्रीक लोग हैं, वो अपनी डाइट में किसी न किसी रूप में अलसी यानी कि फ्लैक्स सीड का उपयोग जरूर करते हैं। अलसी बड़े ही आराम से फूड स्‍टोर में मिल जाती है। इसमें ढेर सारा फाइबर होता है, जो वजन घटाने के लिए फायदेमंद होता है। यही नहीं इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइटोकेमिकल्स और लिगनान भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो खासतौर पर महिलाओं के लिए अच्‍छा माना जाता है। फ्लैक्ससीड्स निश्चित रूप से स्वस्थ हैं, लेकिन प्रचार के कारण, इसके दुष्प्रभाव को आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसका बहुत अधिक सेवन करने से आपके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।

यदि बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है, तो इससे दस्त और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम भी हो सकता है। आंतों की स्थिति से पीड़ित लोगों को अलसी के सेवन से बचना चाहिए। जब सीमित मात्रा में सेवन किया जाता है, तो यह कब्ज को रोकता है और नियमित और स्वस्थ मल त्याग सुनिश्चित करता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप पानी कम पीते हैं और अलसी का सेवन ज्‍यादा करते हैं, तो इससे आपकी आंतों में रुकावट हो सकती है। स्क्लेरोडर्मा के रोगियों को फ्लैक्स सीड के सेवन पर थोड़ा कंट्रोल रखना चाहिए क्‍योंकि इससे कब्‍ज की परेशानी बढ़ सकती है। वास्तव में स्क्लेरोडर्मा के उपचार में अलसी के तेल का उपयोग ठीक माना जाता है। कुछ लोग इन बीजों के अधिक सेवन के कारण एलर्जी की रिपोर्ट भी करते हैं। लंबे समय तक सांस में रुकावट, निम्न रक्तचाप का स्तर और एनाफिलेक्सिस फ्लैक्ससीड्स की सबसे सामान्य रूप से एलर्जी की प्रतिक्रिया है। अन्य प्रतिक्रियाओं में मतली, पेट में दर्द और उल्टी शामिल हैं। अलसी एस्ट्रोजेन बढ़ाती है और जो महिलाएं अलसी का सेवन करती हैं, वे नियमित रूप से अपने मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन का अनुभव करती हैं। पीसीओडी, गर्भाशय फाइब्रॉएड, गर्भाशय कैंसर और ओवेरिय कैंसर जैसी हार्मोन संबंधी स्थितियों का अनुभव करने वाली महिलाओं को अलसी का ज्‍यादा प्रयोग नहीं करना चाहिए। ये गड़बड़ी बांझपन पैदा कर सकती है।

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