भगवान राम बालपन से ही पराक्रमी थे श्रीमद् भागवत कथा में बोली कथावाचिका
मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489
मसौली बाराबंकी। कस्बा बांसा निवासी सन्तराम मौर्य के आवास पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचिका कु0 ममता ने भगवान श्रीराम एव विश्वमित्र की कथा सुनाई। कथावाचिका ममता ने कहा कि भगवान श्री राम ने धरती से राक्षसों का संहार करने के लिए अवतार लिया था। भगवान राम बालपन से ही पराक्रमी थे. भगवान ने सबसे पहले तड़ाका का वध किया था, जो ऋषि-मुनियों के यज्ञ में बाधा पहुंचाती थी। एक बार विश्वामित्र ने अपने यज्ञ में बाधा डालने वाले राक्षसों के बारे में राजा दशरथ को बताया औरे भगवान श्रीराम को साथ भेजने के लिए कहा. तब राजा ने मुनि के साथ श्रीराम और लक्ष्मण को भेजा. श्रीराम को विश्वामित्र ने अस्त्र-शस्त्रों की शिक्षा प्रदान की. इसके बाद उन्होंने ताड़का का वध किया. यज्ञ में बाधा पैदा करने वाले राक्षस सुबाहु का भी वध किया. कुछ दिनों के बाद विश्वामित्र के साथ लक्ष्मण सहित श्रीराम मिथिला नरेश के धनुष-यज्ञ में पहुंचे। जहां पर राजा जनक ने भगवान श्रीराम का पूजन किया. श्रीराम ने धनुष प्रत्यंचा चढ़ा दिया और उसे अनायास ही तोड़ डाला. इसके बाद सीताजी से विवाह हुआ। इस मौके पर सुशील कुमार वर्मा, मास्टर रामगुलाम, शैलेन्द्र मौर्य, राममिलन यादव, रोहित ,शालू, मोनू, सरवन आदि लोग मौजूद रहे।
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