बाराबंकी। उ.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मंशानुरूप जनपद न्यायाधीश राधेश्याम यादव के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मातृ पित्र सदन, फेयरडील ग्रामोघोग सफेदाबाद, तहसील नवाबगंज में वृद्धों के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता का आयोजन किया गया। शिविर में सचिव श्वेता चन्द्रा, पैनल अधिवक्ता संतोष शर्मा, लवकुश कनौजिया डेटा इन्ट्री आपरेटर, कलेश कुमार प्रबन्धक मातृपित्र सदन, संस्था के अन्य कर्मचारीगण, मोहित प्रजापति एवं मात्र पित्र सदन में निवास करने वाले वरिष्ठजन मौजूद थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री स्वेता चन्द्रा द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार विषय पर बोलते हुए माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के प्राविधानो पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया गया कि समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट के नाते वृद्ध मां बाप के प्रति उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले सामने आ रहे हैं। वृद्धों एवं मां बाप के अधिकारों के तथा इस अवस्था में उनकी उचित देखभाल एवं कल्याण के लिए व्यापक कानूनी उपबन्ध किये गयें है जिसमें वे अपने बच्चों, बेऔलाद होने की दशा में सम्पत्ति के प्रस्तावित उत्तराधिकारियों से भरण पोषण की मांग कर सकते हैं और प्रतिकूल दशा में वृद्धाश्रमों का आश्रय ले सकते हैं। साम्पत्तिक मामलों के अंतरण की दशा में लिखत को निरस्त कराने के लिए भी प्रार्थना पत्र देकर सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को प्राप्त निशुल्क विधिक सहायता के उपबन्धों के विषय में विस्तार से बताया गया। पैनल अधिवक्ता संतोष शर्मा द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण के क्रिया कलापों के बारे में भी जानकारी दी गई। लोगों से विवाद को सुलह समझौते द्वारा लोक अदालत एवं मध्यस्थता के माध्यम से निपटाये जाने के बारे में भी बताया गया। वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र, लोक अदालत इत्यादि के विषय में भी जानकारियां दी गई।संस्था के कर्मचारी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। फेयर डील ग्रामोघोग के प्रबन्धक द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये। विधिक साक्षरता एवं जागरूकता एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर मातृ पित्र सदन के वृद्ध लोग लाभान्वित हुए और उनके द्वारा पुनः ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की अपेक्षा की गई।
नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)7268941211