मौत का केन्द्र बन गया है आस्था हास्पिटल

अब्दुल मुईद सिटी-अपराध ब्यूरो। (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स) 9936900677

मरीज के पहुंचते ही शुरू हो जाता है वसूली का कार्यक्रम।-डा0 वीरेन्द्र पटेल का विवादों से है पुराना नाता। -डी0एम0 सख्त दिये जांच के आदेश! जल्द ही होगी बड़ी कार्यवाही।

बाराबंकी। मरीजों से आक्सीजन सिलेंडर मंगाने और अवैध वसूली करने की शिकायतों पर कोविड केयर अस्पताल ‘‘आस्था नर्सिंग होम’’ में नए मरीजों को भर्ती करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा शिकायतों की जांच के लिए एसडीएम समेत चार अफसरों की टीम गठित की गई है। डा0 वीरेन्द्र पटेल ने पूर्व में कई मरीजों से अवैध वसूली व अभद्रता कर चुका है तथा बिल बढ़ाने के लिए कई तरह की जांच व अंत में स्थिति बेकाबू होने पर मरीज को लखनऊ के लिए कर देता है रेफर।


मालूम हो कि शहर के देवा रोड, निकट ओवरब्रिज स्थित आस्था हॉस्पिटल को कोविड केयर अस्पताल बनाया गया था। डीएम ने गत 21 अप्रैल को ही इसे अधिग्रहीत किया था लेकिन दो सप्ताह में ही अस्पताल प्रशासन व कर्मियों द्वारा लूट खसोट की चर्चा जनजन तक होने लगी। जिलाधिकारी के निरीक्षण में भी आक्सीजन की आपूर्ति का ब्यौरा अस्पताल मैनेजमेंट नही दिखा सका। कागजों में हेराफेरी की गई तथा अवैध वसूली की कोई रसीद तीमारदारों को नहीं दी गई। वही आक्सीजन सिलेंडर व रेग्युलेटर तक मरीजो से मंगाने और उनसे निर्धारित दर से ज्यादा चार्ज वसूल करने की शिकायत मिलती रहीं। वही कई मरीज आस्था हास्पिटल जाने से डरने लगे।

वहीं आस्था अस्पताल में भर्ती पत्रकार और तीमारदार अव्यवस्था से जूझ रहे है। पत्रकार होने के नाते उपलब्ध सेवाओ से वंचित तो रखा जा उल्टे दवाईया और इंजेक्शन की कीमते भी मनमानी वसूले जाने से परिजन परेशान है। पत्रकार की तड़प की आवाज अब अस्पताल की दीवारों से सोशल मीडिया पर गूंजने लगी है। तब जिलाधिकारी ने संज्ञान लेकर आस्था हास्पिटल की जांच के आदेश दिये हैं। मालूम हो कि जिलाधिकारी द्वारा देवा रोड स्थित आस्था और शेयरवुड को कोविड अस्पताल के रूप में अधिग्रहित किया गया है। जहाँ से लगातार मिल रही शिकायतो पर जिलाधिकारी ने मरीज और उनके तिमारदारो से ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की खरीद फरोख्त नहीं कराने के आदेश भी इन अस्पतालो को दिये थे। इसके बावजूद आस्था अस्पताल द्वारा मरीजो के तीमारदारो से ऑक्सीजन गैस मंगवाने का कुकृत्य जारी है। यहां भर्ती वरिष्ठ पत्रकार संजय वर्मा उर्फ पंकज का काफी महंगा इलाज तो किया ही जा रहा है। साथ ही ऑक्सीजन की व्यवस्था उन्हें स्वयं करवानी पड़ रही है। संजय से फोन द्वारा व्यथा बताते हुऐ कहा की पत्रकार होने के नाते सभी के सुख दुख में खड़े रह कर आधा जीवन गुजार दिया, लेकिन उसके बदले में आज स्वयं के इलाज के लिये कोई खड़ा होने वाला नहीं है। आस्था में ऑक्सीजन नहीं दी जा रही जिसके लिये पत्नी और रिश्तेदारो को भागदौड़ करनी पड़ रही है। संजय के रिश्तेदार भी सोशल मीडिया के माध्यम से यहां व्याप्त अव्यवस्थाओ की कलई खोल कर मदद की मांग कर रहे है, लेकिन कही से मदद नहीं मिल रही है।
वही आजाद नगर निवासिनी जैबुन निशा को विगत सितम्बर-20 में भर्ती कराया गया तो उनसे कोविड जांच के 3000 रूपया तथा अन्य फर्जी जांच व इलाज के नाम पर लगभग पचास हजार रूपये वसूले गये और उन रूपयों की कोई रसीद नहीं दी गई, जब हालत काफी खराब हो गई तो लखनऊ रेफर कर दिया गया। डा0 वीरेन्द्र पटेल अपने पर्चे पर लगभग 15 डाक्टरों के नाम अंकित किये हुए हैं किन्तु मौके पर एक भी डाक्टर मौजूद नहीं मिलता और वहा पर अप्रशिक्षित स्टाफ से दवा इलाज करवाकर खुद वसूली में लगे रहते हैं। आस्था हास्पिटल का स्टाफ काफी बदतमीज व लालची किस्म का है जो मरीजांे को तीमारदारों से वसूली करता रहता है।

डीएम ने गुरुवार को आस्था हॉस्पिटल के प्रबंधक को कोविड के नए मरीज भर्ती न करने का आदेश दिया है। कहा गया है कि वर्तमान में भर्ती मरीजों को बेहतर सुविधाएं दें। डीएम ने यहां हुई धांधली की जांच के लिए एसडीएम सदर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की है।

अब्दुल मुईद सिटी-अपराध ब्यूरो। (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स) 9936900677

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