व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों की निष्क्रियता से परेशान हैं फुटकर दुकानदार चोरी छिपे दुकानें खोलकर मनमानी कीमत वसूलते हैं व्यापारी। 

अब्दुल मुईद सिटी रिपोर्टर एसएम न्यूज़24टाइम्स बाराबंकी

कई व्यापारियों ने कहा कि प्रातः 10 से दोपहर 02 बजे तक खुलवाई जाये दुकाने। दैनिक उपयोगी वस्तुओं की वसूली जा रही है अधिक कीमतें। 

-थोक व्यापारी व ग्राहकों के बीच में पिस रहा है फुटकर दुकानदार!

बाराबंकी। शहर में दर्जनों व्यापार मण्डल हैं और उनके सैकड़ों पदाधिकारी अपने फायदे के लिए प्रकट हो जाते हैं किन्तु जब बात आती है फुटकर व्यापारियों की तो अपने आपको कर लेते हैं क्वारंटीन! वर्तमान समय में फुटकर दुकानदारों का समय निर्धारित न होने से चोरी-छिपे कई दुकानदार दुकान खोलकर अधिक वसूली कर रहे हैं और कहते हैं ज्यादा बहस करोगे तो मेरे पास माल नहीं है। इस तरह से जनता की जेबों पर पड़ रहा है खुलेआम डाका।

व्यापार मण्डल के मठाधीशों को चाहिए कि फुटकर दुकानदारों जैसे परचून व दैनिक उपयोगी वस्तुओं के दुकानदारों को एक निश्चित समय के लिए सामान बिक्री करनेे के लिए खोले जाने का रोस्टर निर्धारित करवाकर अवगत कराना चाहिए किन्तु एक सप्ताह से अधिक समय से लाकडाउन होने के कारण लोगों के घरों का आवश्यक सामान खत्म हो गया है जिसको लेने के लिए चोरों की तरह घर से निकलना पड़ता है। एक फुटकर दुकानदार ने बताया कि सुबह 6 बजे से 10 बजे तक कोई ग्राहक नहीं आता है, आज कल लाॅकडाउन के कारण ज्यादातर लोग देर से सोकर उठते हैं उस समय काफी सन्नाटा रहता है किन्तु कई खरीददार 10 बजे के बाद आना शुरू करते हैं लेकिन मजबूरी में हमको आगे शटर बन्द करके पीछे के दरवाजे से सामान देना पड़ता है। वहीं धनोखर चैराहा स्थित एक फुटकर दुकानदार ने बताया कि बड़े-बड़े थोक व्यापारी अपने-अपने गोदामों से माल सप्लाई कर रहे हैं किन्तु हम जैसे फुटकर दुकानदार को माल नहीं देते है और कहते हैं कि पूरा बोरा लो तो देंगे। अब हमारे पास इतनी पूंजी होती तो हम फुटकर काम क्यो करते? कम्पनी बाग स्थित एक फुटकर दुकानदार ने बताया कि पारले-जी बिस्किट, घड़ी साबुन, मंजन, पान मसाला आदि पर थोक व्यापारी प्रति गत्ता 100-200 रूपया बढ़ाकर वसूल कर रहे हैं, सरसों के तेल में काफी तेजी कर दी है, अब हम लोग महंगा सामान लायेंगे तो महंगा ही बेचना पड़ेगा। असली माल तो पूंजीपति व धन्नासेठ ही कमा रहे हैं, हम लोग तो सिर्फ माल ढो रहे हैं। लाॅकडाउन की आहट पाकर कई थोक व्यापारियों ने अपने-अपने घरों व सुनसान जगह पर गोदाम बनाकर भारी मात्रा में माल को डम्प कर रखा है जिसको भोर में ही मंगवाकर दूसरी जगह पर रख लेते हैं और धीरे-धीरे प्रतिदिन अधिक वसूली करके माल बेचते हैं। कई जमाखोरों ने तो दैनिक उपयोगी वस्तुओं का भण्डार लगा रखा है जिसकी जानकारी सभी को है किन्तु कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
अगर जल्द ही जमाखोरों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही नहीं हुई तो जनता इसी तरह से लुटती रहेगी और कालाबाजारी करने वालों के हौसले दिन प्रतिदिन बढ़ते रहेंगे।

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