कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8564852662

कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच ही ‘ब्लैक फंगस’ नाम की नई बीमारी का असर भी देखा जा रहा है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की परामर्शदात्री समिति से इस सम्बंध में विमर्श करें। इससे बचाव के लिए सावधानियां, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट, तैयारियों आदि के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को विस्तृत रिपोर्ट दी जाए।

कोविड मरीजों के लिए बेड बढ़ोतरी की दिशा में प्रयास और तेज किए जाने की आवश्यकता है। बीते 24 घंटो में चिकित्सा शिक्षा विभाग के विभिन्न अस्पतालों में 115 बेड , वाराणसी में डीआरडीओ अस्पताल में आईसीयू के 250 और लखनऊ के हज हाउस स्थित एचएएल हॉस्पिटल में आईसीयू के 100 बेड की बढ़ोतरी हुई है। जिलास्तर पर भी लगातार प्रयास हो रहे हैं। भविष्य की जरूरत को देखते हुए बेड बढ़ोतरी के लिए सभी विकल्पों पर ध्यान देते हुए कार्यवाही की जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री स्तर से इसकी दैनिक समीक्षा की जाए।

– राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की परामर्शदात्री समिति के आकलन, अनुशंसाओं आदि संबंधी रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसीएस स्वास्थ्य, एसीएस ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की समिति प्राथमिकता के साथ विचार करे।

– ऑक्सिजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जाए। स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन विभाग के अस्पतालों में स्थापित होने वाले प्लांट की कार्यवाही की दैनिक समीक्षा की जानी चाहिए। सहारनपुर में नए ऑक्सीजन प्लांट अगले दो दिन में चालू हो जाएंगे। चीनी विभाग द्वारा 75 जिलों में प्लांट स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। निजी क्षेत्र द्वारा भी ऑक्सिजन प्लांट स्थापित कराए जा रहे हैं, उन्हें नियमानुसार सभी आवश्यक सहूलियत प्रदान की जाए। कोविड के उपचार हेतु एयर सेपरेटर यूनिट, ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना आदि के संबंध में सांसद/विधायक निधि से सहयोग किया जा सकता है।

– कुछ जिलों में अवैध शराब के सेवन से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं। अवैध शराब की बिक्री पूरी तरह समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। प्रवर्तन की कार्यवाही मिशन मोड़ में हो।

– आंशिक कोरोना कर्फ्यू को दृष्टिगत रखते हुए रेहड़ी, पटरी, ठेला व्यवसायी, निर्माण श्रमिक, पल्लेदार आदि के भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था की जाए। नगरीय क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से इनका संचालन किया जाए। अधिकांश जिलों में कम्युनिटी किचेन प्रारम्भ हो चुके हैं। इनकी संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है। इस जारी में निजी स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग प्राप्त करना उचित होगा।

– ‘सफाई, दवाई, कड़ाई, के मंत्र के अनुरूप प्रदेशव्यापी स्वच्छता, सैनीताइजेशन का अभियान चल रहा है। इसे और प्रभावी बनाया जाए। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

– निराश्रित गौ आश्रय स्थलों में भूसा-चारा के पर्याप्त प्रबंध रखे जाएं। 500 से अधिक गौ वंश वाले गौ आश्रय स्थलों को गोबर गैस उत्पादन सहित ऊर्जा के नवीन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करने की अवश्यक्ता है। वाराणसी में एक मॉडल खड़ा किया गया है, गोरखपुर में भी प्रयास किए जा रहे हैं। भारत सरकार से भी इस संबंध में आवश्यक सहयोग प्राप्त होगा।

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