भारतीय संस्कृति नशाबंदी की सामाजिक पक्षधर है: राजनाथ

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। गुरुवार को गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि लोक कल्याण कारी सरकार का भारतीय संस्कृति से वास्ता रहता है और भारतीय संस्कृति मद्यनिषेध ‘नशाबंदी‘ की सामाजिक पक्षधर है। फिर ऐसी स्थिति में सरकार का यह दायित्व होता है कि वह राज्यों में पूर्ण नशाबंदी लागू करे। लेकिन अगर यह परिस्थिति किन्ही कारणों से सम्भव नही है तो फिर मिलावटी शराब के पीने से जो निरंतर मौते हो रही हैं वह अत्यधिक गरीब और न्यूनतम रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग भी इस तरह की शराब या अन्य नशे की सामग्री का प्रयोग करते हैं और इसके प्रयोग से उनकी मौत हो जाती है। अब उनके पीछे एक पूरा परिवार अगर उनके माता पिता है पत्नी और बच्चे व भुखमरी बेरोजगारी और बेबसी का जीवन बिताने को मजबूर हो जाते है। श्री शर्मा ने आगे कहा कि जब देश व प्रदेश के किसी कोने में इस प्रकार जहरीली शराब पीकर जब उनकी मृत्यु होती है तब निरंतर गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग करती रही है कि भारत वर्ष के कुछ ऐसे राज्य हैं जो मादक पदार्थों की नीलामी से सरकार को प्राप्त राशि में से कुछ आंशिक राशि निर्धारित करते हैं कि वह इस प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन करते हुए लोगों की मृत्यु होगी उनके परिजनों के संरक्षण और जीविकापार्जन की व्यवस्था करेंगे। लेकिन निरंतर मांग के बाद भी सरकार इस पर विचार नही कर रही है। इस बार भी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर के सीमावर्ती इलाकों जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत यह पांच वर्षों के बीच तीसरी घटना है और इसमे लगभग सभी घटनाओं में मिलाया जाये तो तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई और कई लोगों का जीवन जीना दुलर्भ हो गया। राजनाथ शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह अपने इस कार्यकाल में जो मादक पदार्थों की आय से जो राज्य सरकार को आर्थिक आय होती है उसमें से 10 प्रतिशत ऐसे पीड़ित लोगों के परिजनों के जीवन यापन पर खर्च करने की सरकार के बजट में व्यवस्था सुनिश्चित कराने की कृपा करें। जो एक बहुत ही जनकल्याण कारी और लोक कल्याणकारी कार्य उनके कार्यकाल का होगा। श्री शर्मा ने यह भी मांग की कि शराब के धंधे में मादक पदार्थों के धंधे में मिश्रण और वैज्ञानिक टैक्नालाॅजी से जो मादक पदार्थ बनाये जाते है उससे मृत्यु भी होती है और तमाम बीमारियां भी होती है और उससे एक्साइज में लगे हुए ठेकेदार जो लोग देखते देखते अरबो रुपये के मालिक हो जाते हैं और यह स्थिति सन् 1960 के ज्यादा सक्रिय हुई है। इसलिये सरकार को चाहिये कि एक आयोग बनाकर इससे जुड़े हुए सभी लोगों की बढ़ी आर्थिक आय की जांच होनी चाहिये। जिन इलाकों में ऐसी घटनाएं हों उन ठकेदारों पर अर्थदण्ड लगाकर जो राशि वसूली जाये वह पीड़ित के परिजनों को दी जाये।

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

 

 

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