बहराइच।कोरोना महामारी के चलते कही भीड़ एकत्र न हो इसके तहत मस्जिदो मे अधिक लोगो के साथ नमाज पढ़ने पर पाबन्दी लगाई गई।यह पाबन्दी रोजाना के साथ साथ जुमा और अलविदा से लेकर ईद की नमाज तक रही।लोगो ने इस पर अमल किया।लेकिन नमाज के बाद फुटकर मे लोग अपने अपने कब्रिस्तान मे जाकर अपने अपने पूर्वजो के लिए फातिहा पढ़ते है।उस पर भी बाकायदा बैरीकेटिंग करके शाम तक रोका गया।
वही दूसरी तरफ अगर सवाल किया जाए कि समय समय पर किस जगह धारा 144 नही थी और किस जगह कोविड गाइडलाइन नही थी।फिर भी पंचायत चुनाव से लेकर बैंक, हास्पिटल,पैथोलॉजी,नर्सिंग होम, रोडवेज, बसो मे,आटो मे, शराब की दुकानो,गांव, कस्बों व मोहल्लो मे कहा -कहा पालन हुआ है।यह सभी जानते है।
लेकिन कभी-कभी कुछ निर्देश ऐसे होते है।जिससे ऐसा लगता है कि हमारे मौलिक अधिकारो और धार्मिक स्वतंत्रता को पंगु बनाया जा रहा है।प्रशासन की इस व्यवस्था से बहुत से लोग नाराज होकर वापस हुए और उनमे कुछ लोगो इस पत्रकार से अपने विचार साझा किए
Related Posts