भारी पुलिस बल की मजूदगी में एडीएम प्रशासन व् एसपी ग्रामीण को सौंपा गया नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ मांगपत्र हज़ारो की तादाद में लोग रहे मौजूद

अब्दुल जब्बार एड्वोकेट व् डॉ0 मो0 शब्बीर की रिपोर्ट

भेलसर(अयोध्या)नागरिकता संशोधन कानून में आज रूदौली में विरोध स्वरूप अधिकतर दुकाने बंद रही।आज जहा एक ओर जगह जगह नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा वाही रूदौली में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगो ने अपनी आवाज़ें बुलन्द कर जुमा की नमाज़ के बाद दरगाह शरीफ की मस्जिद के सामने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज़िलाधिकारी के माध्यम से अपना 7 सूत्री मांग पत्र एडीएम प्रशासन संतोष कुमार व् पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेन्द्र सिंह को सौंपा।इस दौरान कही कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही।
मांगपत्र के माध्यम से कहा गया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लोकतांत्रिक अवधारणा के खिलाफ होने की वजह से असंवैधानिक है जो भविष्यि मे देश को विभाजन की ओर ले जा सकता है अन्तर्राष्टीय सन्धिे के अनुसार धर्म के आधार पर भेद भाव कर किसी को नागरिकता नही दिया जाना चाहिए।मौजूदा नागरिकता संशोधन अधिनियम मे धार्मिक आधार पर नागरिकता देने का प्राविधान है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।मौजूदा नागरिकता कानून मे सिर्फ पाकिस्तान,अफगानिस्तान व बंगलादेश से मात्र धार्मिक आधार पर प्रताडित अल्पसंख्याको को ही नागरिकता देने का प्राविधान है जो साम्प्रदायिक,भेदभाव पूर्ण व विभाजनकारी सिद्धान्ते के अनुरूप है जिसे भारत देश हमेशा खारिज करता रहा है।मांगपत्र में आगे लिखा गया है कि ज्ञात हुआ है कि मौजूदा नागरिकता संशोधन अधिनियम मे ऐसा कोई प्राविधान नही है जिससे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा सके।बीते दिनों असम मे हुआ अनुभव बताता है कि जो व्यिक्तिे अपनी नागरिकता का सबूत न दे सके वह विदेशी है।ऐसे मे बहुत से गरीब,अशिक्षित,दबे कुचले लोग जो भारत के नागरिक होने के बावजूद भी भारत की नागरिकता से वंचित हो सकते है।बहुत से दबे कुचले,दलित,पिछडे व खानाबदोश ऐसे लोग है जिनके पास स्थानयी मकान नही है अथवा बहुत से लोग जमींदार की मौखिक इजाजत से मकान बनाकर इस देश मे रह रहे है ऐसे मे उनके पास भूमि की हकीयत का दस्तावेजी साक्ष्य ही नही है ऐसे लोग भारत के नागरिक होने के बावजूद भी अपने नागरिकता नही साबित कर पायेगे और एक बडी आबादी को भारत की नागरिकता से वंचित होना पड सकता है।नागरिकता संशोधन अधिनियम पास होने के बाद से सम्पूर्ण भारत मे अशान्ति,प्रदर्शन व अनिश्चिता का माहौल पैदा हो गया है लोग अपनी खुद की रोज़मर्रा की समस्यारओं को भूलकर अपनी नागरिकता के सबूत के लिए चिंतित हो गए है। जगह जगह प्रदर्शन आगजनी,रोडजाम आदि से देश प्रभावित हो गया है।मांगपत्र के माध्यम से नागरिकता संशोधन क़ानून वापस लेने की पुरजोर मांग की गयी।साथ ही मौजूदा नागरिकता संशोधन अधिनियम पास होने के बाद जामिया मिलिया दिल्ली व अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित देश के अन्य शिक्षण संस्थानों मे पुलिस बर्बरता व् फर्जी मुकदमों मे फसाए गए लोगों के विरूद्ध दर्ज मुकदमों को वापस करने व दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर उनके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की भी मांग की है।
मांगपत्र देने वालों में पूर्व विधायक सै0 अब्बास अली ज़ैदी रुश्दी मियां,चेयरमैन जब्बार अली,शाह मसऊद हयात ग़ज़ाली,मो0 रईस खान,सै0 फ़ारूक़,हनीफ अन्सारी,डॉ0 निहाल रज़ा,चौधरी मतीन,मो0 अली,मुनव्वर अली,हाजी अमानत अली,शकील न्यू कालेज,उस्मान अन्सारी,अतीक सिद्दीक़ी बेकरी आदि सहित हज़ारो की तादाद में लोग मौजूद रहे।सुरक्षा की दृष्ट से एसडीएम विपिन कुमार सिंह,क्षेत्राधिकारी धर्मेन्द्र यादव,कोतवाल विश्वनाथ यादव,थानाध्यक्ष पटरंगा संतोष कुमार सिंह,चौकी इंचार्ज संतोष त्रिपाठी,राम खिलाडी सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

Don`t copy text!