फ़िलिस्तीनियों के हौसले को सलाम करते हुए इस्राईल के सबसे बड़े अख़बार ने ग्रेटर इस्राईल का सपना त्यागने की सलाह दे डाली
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ 9889789714
इस्राईल के सबसे बड़े अख़बार हारेट्ज़ ने ग़ज्ज़ा पर ज़ायोनी शासन के हमलों की भारी लागत, फ़िलिस्तीनियों के जवाबी हमलों के कारण हवाई अड्डों और व्यापारिक केंद्रों के बंद रहने के साथ ही इस्राईलियों के अंडर ग्राउंड बंकरों में छिपकर रहने से पहुंचने वाले भारी नुक़सान का आकलन किया है और फ़िलिस्तीनियों के हौसले व साहस को सलाम किया है।
हारेट्ज़ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसकी सुर्ख़ी हैः बेहतर होगा ग्रेटर इस्राईल के व्यर्थ सपने को त्याग दिया जाए। इस रिपोर्ट के तहत इस्राईल अख़बार ने लिखा है कि हर तीन दिन में हमें 912 मिलियन डॉलर की चपत लग रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक़, व्यापारिक गतिविधियों के ठप्प हो जाने, शेयर बाज़ार के धड़ाम से औंधे मुंह गिरने, संस्थानों और निर्माण कार्यों के बंद हो जाने और फ़िलिस्तीनियों के सिरों पर गिराए जाने वाले बमों और मिसाइलों के कारण ज़ायोनी शासन को भारी आर्थिक व मानसिक नुक़सान पहुंच रहा है।हारेट्ज़ ने अंडर ग्राउंड बंकरों में छिपे लोगों के लिए भोजन की कमी और मंहगी क़ीमतों के साथ-साथ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों के रॉकेट हमलों में बाज़ारों, घरों और कारख़ानों को होने वाले नुक़ासन की ओर भी संकेत किया है और लिखा हैः हम एक बड़ा युद्ध लड़ रहे हैं, हम युद्ध को निंयत्रण कर रहे हैं, लेकिन इसमें निर्णायक भूमिका हमारी नहीं होगी।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हम अपने शहरों में उठने वाली क्रांति से हैरान हैं, इसलिए कि हमारा मानना था कि वे (फ़िलिस्तीनी) सबकुछ खो चुके हैं और अब उनके बस में कुछ नहीं है। लेकिन अब जो कुछ हो रहा है, उससे लगता है कि हमारे सभी समीकरण उलट गए हैं और हमारे नेताओं की सभी नीतियां विफल हो गई हैं। हमारे नेताओं को समझदारी से काम लेना चाहिए था, क्योंकि फ़िलिस्तीनी, यूएई, क़तर और बैहरीन के अरबों की तरह नहीं हैं।
फ़िलिस्तीनी अपनी जानों, बच्चों और संपत्तियों की क़ुर्बानी देकर, अपना बचाव कर रहे हैं। हमने उन पर हर संभव ज़ुल्म किया, उनका नरसंहार किया, उनकी नाकाबंदी की और उनके ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रचार किया, लेकिन हमारे सभी प्रयासों पर पानी फिर गया, क्योंकि आज वे पूरे सम्मान और साहस के साथ खड़े हुए हैं और अपनी रक्षा कर रहे हैं।हारेट्ज़ आख़िर में एक जुमला लिखता हैः पूरी दुनिया की सेनाएं अपने तमाम साज़ो-सामान और लाव-लश्कर के साथ, उस प्रतिरोध का साहस नहीं कर सकती थीं, जो इन पिछले कुछ दिनों में फ़िलिस्तीनियों ने अंजाम दिया है और अपराजित समझी जाने वाली ज़ायोनी सेना को दिन में तारे दिखा दिए हैं। इसलिए अब जब कि तेल-अवीव पर रॉकेटों की बारिश हो रही है, तो ग्रेटर इस्राईल का व्यर्थ सपना देखना बंद करना ही अक़लमंदी होगी।