मित्र पुलिस की लाठियों से गरीब ठेले वाले फैसल पुत्र इस्लाम की मौत का जिम्मेदार कौन।

एसपी उन्नाव ने की कार्रवाई तीनो पर हुआ 302का मुकदमा बर्बरता करने वाले चेहरों पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज

उन्नाव लॉकडाउन में गरीब रेडी वाले को अपने गरीब परिवार का पेट पालना उस वक्त महंगा पड़ गया जब दो पुलिस वालों का मित्रता वाला चेहरा भूल कर हैवानियत वाला चेहरा अपनाया।परिजनों का आरोप उन्नाव जिले में गरीबों पर लगातार अत्याचार पर अत्याचार कोई नहीं है उन्नाव जिले में ऊपर से नीचे तक सुनने वाला यहां तो बादशाही हुकूमत चलती है या तो अपराधियों की या फिर राजनेताओं की हिक्कीडी का राज और वही जिले पर करते हैं राज जिनकी उच्च अधिकारियों में जबरदस्त नेताओं में होती है बैठक व जबरदस्त रखते है पकड़ गरीब तो शिवाय ठोकर पर ठोकर खाने के रहता है मजबूर।

बांगरमऊ चौराहे पर ठेले पर सब्जी लगाकर अपने गरीब परिवार का पालन पोषण कर रहा गरीब को आज पुलिस ने इतनी बेरहमी से पीटा कि पहले बांगरमऊ कोतवाली ले गई जब हालत बिगड़ गए तो नजदिकी सीएससी अस्पताल बांगरमऊ लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया वहीं परिवार में कोहराम मच गया।

लॉकडाउन के दौरान सरकार ने दुकानों को खोलने का समय-सीमा निर्धारित कर रखा है। तय समय के अंदर निर्धारित दुकानों को खोला जा सकता है। समय के बाद दुकान खोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है। लेकिन लॉक डाउन के नाम पर लगातार पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया।
पुलिस ने एक सब्जी की टेली वाले को पीटते हुए उसकी सब्जी को तहस-नहस कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने जमकर पुलिस के खिलाफ भड़ास निकाली। पुलिस की इस कार्रवाई की लोगों ने निंदा की।
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को दोपहर लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस सड़क पर उतरी थी।बांगरमऊ थाना की पुलिस अस्पताल के समीप पहुंची। इस दौरान सड़क किनारे एक सब्जी फल की ठेली दिखी। फिर क्या था पुलिस का पारा हाई हो गया और सब्जी दुकानदार की पिटाई करते हुए उसकी फॉलो को तहस-नहस कर दिया। इसी तरह कई मामले पहले भी सामने आए है
पुलिस की कार्रवाई का वीडियो एक युवक ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही लोगों ने पुलिस को जमकर कोसा। लोगों का कहना था कि शहर के कई बड़े प्रतिष्ठान पिछले दरवाजे से खोले जा रहे हैं। पुलिस और जिले के वरीय अधिकारी भी जानते हुए बड़े दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं। पुलिस की कार्रवाई के जद में केवल छोटे दुकानदार ही आ रहे हैं।

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