महिला का अपमान करने वालों पर हो सख्त कानूनी कार्यवाही: नरेन्द्र वर्मा

अब्दुल मुईद सिटी रिपोर्टर एसएम न्यूज़24टाइम्स बाराबंकी

लखीमपुर की घटना से आहत होकर भेजा राज्यपाल को पत्र, वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत! 

 

बाराबंकी। सत्ता के लोभी लखीमपुर की एक महिला की साड़ी सरेआम खींचते रहे है किन्तु वहां मौजूद प्रशासन मूकदर्शक बनकर सब देखता रहा, इस घटना ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है। एक तरफ सुशासन का नारा देने वाले चुप हैं, वहीं जनता में काफी रोष व्याप्त है। जीरो टाॅलरेंस का नारा, अपराधियों ने प्रदेश छोड़ दिया है, माफिया पहुंच गये हैं जेल में आदि को खूब प्रचारित व प्रसारित किया गया जबकि वास्तव में एक महिला के साथ दिन दहाड़े पुलिस की मौजूदगी में घिनौनी घटना सत्ता के लोभी करते हैं, प्रशासन से लेकर सत्तापक्ष के लोग चुप हैं। उक्त बात जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा ने की।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि 11 महिला मंत्री मोदी के मंत्रिमण्डल में हैं 4 महिला मंत्री योगी के मंत्रिमण्डल में हैं। 11 महिलाएं यू0पी0 से सांसद हैं और 40 महिला विधायक उत्तर प्रदेश से हैं, यू0पी0 का अपना महिला आयोग है, देश का भी महिला आयोग है फिर भी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दिन दहाड़े कैमरों के सामने महिला की साड़ी खींची जाती है, उसका चीरहरण होता है। 4-4, 5-5 कथित राजपुरूष उसे कैमरे के सामने बेइज्जत करते हैं लेकिन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, संतरी, डी0एम0, कप्तान किसी के मुँह से आवाज नहीं निकलती। किसी ने एक शब्द तक नहीं बोला, यहां तक किसी ने निन्दा तक नहीं की। द्वापर युग में हस्तिनापुर भी मौन था और वर्तमान की सरकार भी मौन है, जनता माफ नहीं करेगी। दिल्ली से लखनऊ तक सत्ता में बैठी महिलाओं का मुँह इस घटना के बाद से नहीं खुल रहा है। स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी, अनुप्रयिा सिंह पटेल गद्दी मिलने से ही खुश है, रीता बहुणुणा जोशी महिला है वह भी खुश हैं, नीमिता कटियार और स्वाती सिंह भी खुश हैं इनको लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सरेआम एक महिला को नंगा करने की कोशिश की गई लेकिन कोई विरोध नहीं। मर्दों की भरी भीड़ में एक महिला की साड़ी खीचना कहा गया लोकतंत्र, कहाँ गये चैकीदार। अभी चुनाव से पहले यह हाल है तो चुनाव जीतने के बाद क्या-क्या करेंगे इसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते। तभी भी यह सब राजनैतिमक महिलाए चुप ही रहेंगी। किसी मां-बहन, बेटी कीे बेइज्जत तार-तार कर अगर सत्ता मिलती है, तौ मैं थूकता हूँ ऐसे सत्ता लोभियों के मुँह पर। राजनैतिक पेशे से चुनाव लड़िए, जीतिए-हारिए लेकिन इस तरह किसी महिला को अपमानित करके चुनाव मत लड़िए। कहाँ गये बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाले। राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के कारण किसी महिला का अपमान करने वालों तुमको देश की जनता माफ नहीं करेगी। वक्त आने पर सबक जरूर सिखायेगी।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि राजनीति के अपराधीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ। जिसमें कहा गया है कि क्रिमिनल लीडर का कच्चा चिट्ठा सोशल मीडिया पर वायरल किया जाये, राजनैतिक दल यह भी बताये कि दागी को टिकट क्यों दिया गया, इस आदेश का पालन कराना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है, जो पार्टी इसका पालन नहीं करेगी उसको कंटेम्प आफ कोर्ट का दोषी माना जायेगा। जो भी राजनीतिक दल दागी प्रत्याशी को टिकट देगा उस पार्टी को भी दोषी माना जायेगा। दागी प्रत्याशी पर दर्ज एफ0आई0आर0 के नम्बर और धाराए, थाना सहितं सोशल, इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया को देनी होगी, पब्लिक प्लेटफार्म पर बतानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले चार चुनावों को जिक्र करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में क्रिमिनलों को टिकट दिये गये हैं। जिससे लगता है राजनीतिक करण नहीं अपराधीकरण करके सरकार बनाई जा रही हैं।
श्री वर्मा ने उतर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मांग कि उपरोक्त प्रकरण का यथाशीघ्र संज्ञान लेकर दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाये ताकि महिलाओं का सम्मान सुरक्षित रहे।

 

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