गोबर और गाय मे गुमराह होमगार्ड हुये गुमनाम

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कानपुर। होमगार्ड को गाय, गोबर और गुमनामी की ज़िंदगी जीने पर मजबूर किया जा रहा है। जहां अधिकारियों के यहाँ होमगार्ड जवान सुरक्षा के लिए लगाए जाते है। वहीं उनसे अधिकारियों के यहाँ गाय और गोबर मे ड्यूटी करवाई जाती है। और ये ड्यूटी निभाने के लिए कंपनी कमांडर मजबूर करते है। कानपुर नगर मे भी कई ऐसे अधिकारी है। जिनके यहाँ गाय जैसे दूध देने वाले पालतू जानवर मिलते है। और यह कोई ऐसा कार्य नहीं है, जो अवैध या अनैतिक माना जाय। जानवर को पालकर सेवा करना मानव समाज मे उत्तम माना जाता है। लेकिन इसके लिए किसी होमगार्ड को लगाना कहाँ तक उचित है।

होमगार्ड आला अफसरो के घर पली गाय का साफ करते है गोबर 

जिले के आला अफसरों के यहाँ अक्सर होमगार्ड गाय के गोबर को साफ करते देखे जा सकते है। साहब तो साहब है। अब उनके फरमान के खिलाफ जाकर कौन होमगार्ड अपनी घर गृहस्थी को सड़क पर ला सकता है। मजबूरन उस होमगार्ड को गाय का गोबर साफ करना पड़ता है। जिले के कई आला अफसरो के यहाँ गाय पली हुई है। जिनकी देखभाल के लिए कोई नौकर नहीं है, और न ही साहब को इतना समय है की गाय की सेवा कार सकें। इसके लिए साहब ने सीधा रास्ता खोज निकाला है। और वो रास्ता होमगार्ड विभाग से होलर गुजरता है। गाय और दूध साहब का, नौकर होमगार्ड विभाग का, और इस काम के लिए खर्चा सरकारी। मतलब आम के आम और गुठलियों के भी दाम की तर्ज पर यह कार्य सम्पन्न हो रहा है।

गोबर साफ न करने पर मिलती है यातनाएं 

अगर किसी होमगार्ड ने गोबर साफ करने वाले काम के लिए माना किया। तो उस होमगार्ड को तरह तरह से कंपनी कमांडर द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। यही नहीं, मैनेजमेंट मे सम्पूर्ण कलाओं के खिलाड़ी कंपनी कमांडर इस कार्य से आहत होमगार्ड को इतना डरा कर रखते है, कि मजबूर होमगार्ड गोबर साफ करने को राजी है, लेकिन इसका विरोध करने की क्षमता नहीं रखता है। इस कार्य को करने वाले एक होमगार्ड से जब बावत की गयी तो वह रोने लगा। और कहने लगा साहब, अगर यह गोबर साफ करने वाला काम न करें तो अधिकारी जेल भिजवाने तक की धम्की देते है। और कंपनी कमांडर नौकरी से हटवाने की रट लगाए रहते है। ऐसे मे घर का गुजारा करने के लिए पैसे भी देने पड़ते है, और गोबर तक उठाना पड़ता है। 

 

कंपनी कमांडर्स ने बनाया 24 घंटे की लगातार ड्यूटी का नियम 

काम गोबर साफ करने का और ड्यूटी 24 घंटे की। इसके एवज मे होमगार्ड जवान को रुपए भी लगभग 3 से 4 हजार देने पड़ते है। और ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कुछ जवान शहर मे दूर दूर से करने आते है, और उन्होने शहर मे कहीं भी रुकने के लिए अपना कोई ठिकाना नहीं बनाया है। इसलिए दूर दूर से आने वाले होमगार्ड जवान ज़्यादातर मजिस्ट्रेट ड्यूटी मे लगे मिलेंगे। और उनमे भी कुछ ऐसे जवान है जो माह मे लगातार चौबोसों घंटे 10 दिन ड्यूटी करते है। और इस प्रकार एक दिन मे लगातार 03 ड्यूटी और 10 दिन मे ही अपनी 30 ड्यूटी करके अपने घर चला जाता है। और इसी प्रकार लगे तीनों होमगार्ड 10 – 10 दिन अपनी ड्यूटी करते है। 10 दिन ड्यूटी लगाई जाय, इसके लिए होमगार्ड जवान कंपनी कमांडर को 3 से 4 हजार रुपए देते है। जिले के एक आला अफसर के यहाँ गोबर साफ करने की ड्यूटी मे लगे एक होमगार्ड जवान ने यह सारी कहानी रोते रोते बयान की। 

 

कहीं माली भी बने है होमगार्ड जवान 

अभी कुछ दिन पूर्व मे ही एक वीडियो वायरल हुआ था कि होमगार्ड जवान एक अधिकारी के यहाँ लगे थे। और वर्दी पहन कर घास छीलते नजर आ रहे थे। इस वीडियो को देख कर विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या ऐसा भी संभव है। इसकी पुख्ता जानकारी के लिए कानपुर मे भी युवा गौरव की टीम ने कई अधिकारियों के यहाँ जाकर हकीकत परखी तो सच सामने आ गया। और कई होमगार्ड जवानो ने बताया कि साहब ये तो आए दिन का काम है। यहाँ भी वही कम करना पड़ता है। और उन्होने फिर वही करके भी दिखाया। और न करने पर अधिकारियों द्वारा गाली गलौज किया जाता है। घास छीलना, क्यारी बनाना, फूलों को पानी देना आदि काम यहाँ कानपुर मे भी होमगार्ड जवान करते दिखे।

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