महफ़िले मसर्रत में बरसे अक़ीदतों के फूल अम्नोअमान की मांगी गई दुवाएं कायनात की सबसे बड़ी ईद को ईद ए ग़दीर कहते हैं
नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)7268941211
बाराबंकी। ईदे ग़दीर के मौक़े पर महफ़िले मसर्रत में बरसे अक़ीदतों के फूल, अम्नोअमान की मांगी गई दुवाएं। विलायते अली अ. को जो दिल से क़ुबूल करते हैं बस वही दुनियां व आखेरत में कामयाब होते हैं। मरतबा ए अबूतालिब को बस वही जान सकते हैं, जो अली अ. को दिल से कुल्ले ईमान मान सकते हैं। यह बात अस्करी नगर मस्जिद में ईद ए ग़दीर के पुर मसर्रत मौक़े पर मौलाना मो. रज़ा ज़ैदपुरी ने कही। मौलाना ने यह भी कहा कि कायनात की सबसे बड़ी ईद को ईद ए ग़दीर कहते हैं। हर आशिक ए अली को ईद ए ग़दीर की बहोत बहोत मुबारकबाद। मौलाए ग़दीर की बारगाह में दुनियां वालों के लिए मांगी गई कोरोना वबा से नजात की दुआएं। महफ़िल में मौलाना मो. रज़ा ज़ैदपुरी, हबीब हैदर, अहमद रज़ा, मुज़फ्फर इमाम, हाजी सरवर अली करबलाई, मो0 रज़ा जै़दी, फ़राज़ महदी, तालिब महदी, दानिश रिज़वी, नजफ़ी, मीशम रज़ा, ज़ाकिर इमाम, मो. ताहा व अलीशाहा ने भी पढ़ा कसीदा। बादे महफ़िल सभी ने दी एक दूसरे को मुबारकबाद बांटी गई मिठाई। बानिये महफ़िल ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
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