अगस्त क्रांति सप्ताह का शुभारंभ, निकाली प्रभात फेरी

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी09/08/2021(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। अगस्त क्रांति देश के ढाई सौ साल के स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे बड़ा जनआंदोलन था। इस आंदोलन के प्रणेता महात्मा गांधी थे। जिन्होंने मुंबई के तत्कालीन मेयर, सोशलिस्ट नेता यूसुफ मेहर अली के सुझाव पर ‘क्विट इंडिया’ अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा देश को दिया था। गांधी जी ने कांग्रेस कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा था कि आज से हर व्यक्ति खुद को आजाद समझे। यह बात गांधी भवन में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित अगस्त क्रांति सप्ताह का शुभारम्भ कर रहे प्रसिद्ध मजदूर नेता चन्द्र प्रकाश अवस्थी ने कही। इससे पहले गांधी भवन से पटेल प्रतिमा तक राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में प्रभात फेरी निकाली गई। तदोपरान्त गांधी भवन में झण्डारोहण किया गया। बतौर मुख्य अतिथि समारोह में सम्मिलित हुए चन्द्र प्रकाश अवस्थी ने महात्मा गांधी, आचार्य कृपलानी, डॉ लोहिया और अरूणा आसफ अली का स्मरण करते हुए कहा कि आगामी 11 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर यह मांग रखी जाएगी कि 9 अगस्त को ही भारत के स्वाधीनता दिवस की तिथि घोषित हो। कार्यक्रम संयोजक राजनाथ शर्मा ने बताया कि समाजवादी चिंतक डॉ. लोहिया चाहते थे कि 9 अगस्त देश में इतने जोरदार तरीके से मनाया जाए कि 15 अगस्त का कार्यक्रम उसके सामने फीका पड़ जाए लेकिन शासकों ने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने 9 अगस्त की महत्ता कभी देशवासियों के सामने नहीं रखी। जनक्रांति की जगह उन्होंने राज सत्ता के हस्तांतरण को ही महत्व दिया। सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शऊर किदवई ने कहा कि 9 अगस्त को जनता ने आजादी का बिगुल बजाया था। जिसे तत्कालीन सरकारों ने भूला दिया। जबकि यह तिथि इतिहास के घटनाक्रम की महत्वपूर्ण तिथि है। जब अंग्रेजों के दिलों में दहशत पैदा हुई। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कौशल किशोर त्रिपाठी ने कहा कि इस बार का 9 अगस्त गत 79 वर्षों में सबसे महत्व का है। क्योंकि फिर एक बार देश के किसान, नवजवान और मजदूर मैदान में हैं। अगस्त क्रांति के शहीदों का वह सपना साकार नहीं हो सका है। हम उन शहीदों को याद करते हुए उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लें। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस अवसर पर समाजसेवी अशोक शुक्ला, हुमायूं नईम खां, जमील-उर-रहमान, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, अजीज अहमद, सलाउद्दीन किदवई, समीर सिंह, अनुपम सिंह राठौर, अतीकुर्रमान सज्जन, सत्यवान वर्मा, फहीम सिद्दीकी, भगीरथ गौतम, मनीष सिंह, अनिल यादव, राहुल यादव, राजेश यादव, नदीम वारसी, शिव नारायण, दीपक, विक्रम, आदित्य पाण्डेय, एखलाक, महफूज आदि लोग मौजूद रहे।

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