गांधी उद्यान में अत्याधुनिक फव्वारा, सोलर ट्री, स्मार्ट सिटी के अन्य कार्य जल्द शुरु होंगे

हाई मास्ट और कैमरे लगेंगे, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से सुधरेगी आवागमन की व्यवस्था

 

बरेली, 27 दिसम्बर 2019। बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में मंडलायुक्त श्री रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी कंपनी ’बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड’ के निदेशक मंडल की बैठक में इस कंपनी का शेयर कैपिटल 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 384 करोड़ रुपए करने की अनुमति प्रदान कर दी गई। साथ ही करीब 250 करोड़ की परियोजनाओं पर भी मुहर लगा दी गई। इनमें संजय कम्युनिटी हॉल, आईसीसीसी और हैंडीक्राफ्ट प्रमोशन सेंटर प्रमुख हैं। गांघी उद्यान में वॉकओवर डांसिंग फाउनटेन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई।
कंपनी के चैयरमैन श्री रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी निदेशक मंडल की गुरुवार शाम सम्पन्न बैठक में इन प्रस्तावों के अलावा शहर की व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। गांधी उद्यान में करीब ढाई करोड़ की लागत से वाक ओवर डांसिंग फाउंटेन के लिए तत्काल कार्यादेश निर्गत करने का निर्देश दिया गया। करीब एक वर्ष में यह तैयार हो जाएगा। इसी तरह शहर में सोलर ट्री लगाने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थीं, इसमें दो फर्में आई थीं, इनमे से न्यूनतम को कार्यादेश निर्गत करने का भी आदेश दे दिया गया। गांधी उद्यान, रेलवे स्टेशन, ओल्ड बस स्टेशन, अग्रसेन पार्क, कलेक्ट्रेट तथा नगर निगम कम्पाउंड में छह सोलर ट्री लगेंगे। यह दोनों कार्य जल्द ही शुरु हो जाएंगे। इसी प्रकार इल्यूमिनेशन ऑफ डार्क स्पेसेस इन एबीडी परियोजना के लिए आमंत्रित ईनिविदा में तीन फर्म तकनीकी रूप से अर्ह पाये गये थे जिसमें से न्यूनतम निविदाता को कार्य आदेश निर्गत किये जाने का आदेश दिया गया।
बरेली में 56 करोड़ की लागत से बनने वाले हस्तकला प्रमोशन सेंटर के लिए डीपीआर को कुछ संशोधनों के साथ अनुमोदन कर दिया गया और ई-निविदा आमंत्रित करने हेतु निर्देश दिये गये। इस सेंटर में बरेली की हस्तकला जैसे कि सुरमा, मांझा, फर्नीचर, जरी और अन्य हस्तकला उत्पादों के लिए 16 दुकानें, काफी शॉप आदि बनेगा। गांधी उद्यान के समीप ही इसे करीब साढ़े तीन एकड़ क्षेत्र में तैयार किया जाएगा। इस तरह का कोई शापिंग केंद्र अभी बरेली में नहीं है, अपने आप में यह अनूठा होगा। शहर में 24 स्थानों पर हाईमास्ट लगाने की प्रक्रिया को भी शुरु करने के आदेश दिए गए।
इसी के साथ करीब 180 करोड़ वाली आईसीसीसी परियोजना के लिए इसकी आरएफपी में प्रीक्वालीफिकेशन एवं निविदा के चयन विधि में संशोधनो के पश्चात डीपीआर अनुमोदित कर ईनिविदा आमंत्रित करने हेतु निर्देश दिये गये। इसके अलावा लगभग 10 करोड़ की लागत से बनने वाले़ Rejuvenation of SCH Pond & Hall  का डीपीआर कुछ संशोधनो के पश्चात अनुमोदित कर ईनिविदा आमंत्रित करने हेतु निर्देश दिये गये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शहर में करीब 16 वाटर एटीएम लगाए जाएंगे। साथ ही क्लीन वाटर डिस्पेंसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी। हेल्थ एटीएम के लिए कहा गया कि उक्त परियोजना का क्रियान्वयन किसी अन्य स्मार्ट सिटी में हो रहा हो तो उसका अध्ययन कर पुनः निदेशक मण्डल के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करें।
साथ ही वर्टिकल गार्डेन परियोजना के क्रियान्वयन के लिए पीएमसी को यह निर्देश दिया गया कि इसका सूक्ष्म अध्ययन कर पुनः डीपीआर अनुमोदन किये जाने हेतु बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करें। बरेली में 16 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना का डीपीआर अनुमोदित कर ई-निविदा आमंत्रित करने हेतु निर्देश दिये गये। साथ ही शी लाउंज के डीपीआर और आरएफपी पर निदेशक मंडल ने कहा कि इसका क्रियान्वयन पीपीपी मॉडल पर किया जाये तथा वीजीएफ के आधार पर ईनिविदा आंमत्रित की जाये।
बरेली के प्रमुख चौराहों तथा सड़कों पर आवागमन की स्थिति के सुधार के लिए भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत इस पर कार्य किए जाने पर सहमति हुई। शहर के सभी चौराहों तथा लगभग सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैफिक सर्विलांस के लिए कैमरे लगाए जाएंगे और निगरानी के लिए अत्याधुनिक कंट्रोल रूम भी स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत बनाया जाएगा। इस प्रणाली के लागू होने के बाद रेड लाइन वायलेशन कैमरे की मदद से कोई लाल बत्ती पार नहीं कर पाएगा, यदि करेगा तो उसके स्वतः चालान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। प्रथम चरण में 21 चौराहों पर कैमरे लगेंगे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री रणवीर प्रसाद ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों में प्रयोग होने वाले सभी उपकरणों की खरीद टॉप फाइव ब्रांडेड कंपनियों से ही कराए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के किसी भी कार्य की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता वह नहीं होने देंगे। कई स्तरों पर निरीक्षण की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि हर कार्य की ईनिविदा में प्राप्त परिपत्रों पर ही निर्णय लिया जाए। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि कार्य करने वाली फर्मों को कार्य पूरा होने के पश्चात ही भुगतान किया जाए, 80 अथवा 90 प्रतिशत कार्य पूरा होते ही भुगतान न किया जाए।
बैठक में स्माट सिटी कंपनी के निदेशक और जिलाधिकारी श्री नितीश कुमार ने कहा कि सभी कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित रूप से प्रस्तावित कार्यां का निरीक्षण किया जाएगा और समय समय पर विशेषज्ञों से भी निरीक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में यह ध्यान रखा जाएगा कि यह सभी कार्य इस तरह कराए जाएं लगे कि शहर का कायाकल्प हो रहा है, यह सभी कार्य आकर्षण का केंद्र बन जाए। उन्होंने बताया कि सभी कार्यां के मेंटेनेंस के लिए कम से कम तीन साल तक का प्रारूप तैयार है। उन्हांने बताया कि हैंडीक्राफ्ट प्रमोशन सेंटर जैसी कई अन्य प्रस्तावित परियोजनओं ऐसी हैं जिनके रख रखाव के लिए वे स्वयं आय अर्जित कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण हो जाने के बाद उसका रख रखाव भी बेहद महत्वपूर्ण कार्य है।
कंपनी के सीईओ एवं मुख्य नगर अधिकारी श्री सैमुअल पाल एन ने निदेशक मंडल को आश्वस्त किया कि सभी कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी कार्य इस प्रकार सम्पन्न कराए जाएंगे कि वे उदाहरण बनें। बैठक में सभी निदेशक उपस्थित थे।

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