मसौली बाराबंकी। गौवंशीय पशुओ के संरक्षण के लिए जगह जगह खोले गये गौआश्रय स्थल की देखरेख में लगे कर्मचारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं जिला प्रशासन के मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए है। गौशाला कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गौशाला में रखे गये टैग लगे पशु गांव, गली एव सड़को पर भटक रहे हैं। उल्लेखनीय हो कि प्रदेश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट गौआश्रय स्थल योजना सख्त चेतावनी के बाद भी कारगर साबित नही हो पा रही है। 56 ग्राम पंचायतों में से अब तक ग्राम पंचायत प्यारेपुर सरैंया, अम्बोर एव करपिया में आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया है नतीजा यह है कि खेत खलिहानों सड़को,बाजारों में आज भी गौवंशीय आवारा पशुओं की भरमार है। सीएम की ड्रीम प्रोजेक्ट में सख्त आदेश है कि आवारा पशुओं को पकड़ कर आश्रय स्थल में रखा जाय तथा टैग लगाया जाय तथा उनकी बेहतर रखरखाव तथा देखभाल की जाए, जिस पर सरकार करोड़ों रुपया भी खर्च कर रही है जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा घूम रहे जानवरों को पकड़वा कर गौशालाओं में भिजवाया और उनके बेहतर रखरखाव और देखभाल की व्यवस्थाएं की लेकिन कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के मंसूबों पर पानी फेरने में लगे गौशाला कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गौशाला से छूटकर गौशाला का टैग लगे हुए पशु खुलेआम इधर उधर भटकते हुए देखे जा सकते हैं।
नेवाज अंसारी संवाददाता तहसील रामसनेहीघाट
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