अफ़ग़ानिस्तान के संबंध में ईरान की नीति क्या है?

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अफ़ग़ानिस्तान के संबंध में इस्लामी गणतंत्र ईरान की नीति, व्यापक सरकार के गठन के लिए वार्ता प्रक्रिया में सहायता करना है।
इसी संबंध में बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेशमंत्रियों की वर्चुअल बैठक होने वाली है। इस बैठक का उद्देश्य अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद तनाव को खत्म करने और शांति स्थापित करने के मार्गों के बारे में विचारों का आदान- प्रदान करना है।
वास्तविकता यह है कि इस समय अफ़ग़ानिस्तान में जो कुछ हो रहा है वह 20 वर्षों तक अमेरिका की अगुवाई में विदेशी अतिग्रहण का परिणाम है।
अभी हाल ही में पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से तेहरान में मुलाक़ात की थी। इस भेंटवार्ता में ईरानी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के निष्कासन को शांति व सुरक्षा की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया था और उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के संबंध में हर प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को रद्द कर दिया और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों की भूमिका केवल इस देश में व्यापक सरकार गठित होने के संबंध में सहायता करना होना चाहिये।
इस बात के दृष्टिगत बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों की होने वाली वर्चुअल बैठक दो पहलुओं से महत्वपूर्ण है। पहला यह कि अफ़ग़ानिस्तान में हर प्रकार के रक्त-पात को रोकने और शांति व सुरक्षा स्थापित करने की ज़रूरत पर बल दिया जाना है और दूसरे अफ़ग़ानिस्तान के लोगों और जनता की समस्याओं पर ध्यान दिये जाने और उनके समाधान के लिए प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया जाना है।
ईरान के एक सांसद अली रज़ा सलीमी ने अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेशमंत्रियों की वर्चुअल बैठक की ओर संकेत करते हुए कहा कि जैसाकि ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता कहते हैं कि ईरान की नीति राष्ट्रों का समर्थन है और इस समय ईरान अफगान राष्ट्र की स्थिति चिंतित है। उन्होंने बल दिया कि अफगानिस्तान के समस्त लोगों का समर्थन किया जाना चाहिये न कि कुछ लोगों का। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेशमंत्री बुधवार को होने वाली वर्चुअल बैठक में अफगानिस्तान में एक व्यापक सरकार के गठन का समर्थन करेंगे।
स्पष्ट है कि तेहरान अफगानिस्तान में शांति व सुरक्षा स्थापित करने की दिशा में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करने के लिए तैयार है। इसी बीच ईरान के विदेशमंत्राय के प्रवक्ता सईद खतीबज़ादे ने बल देकर कहा है कि केवल राजनीतिक मार्ग से ही पंजशीर मामले का समाधान किया जा सकता है और पंजशीर का परिवेष्टन अंतरराष्ट्रीय और मानवता प्रेमी कानूनों की दृष्टि से सही व स्वीकार नहीं है और तेहरान हर प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप की भर्त्सना करता है।
बहरहाल जो चीज़ निश्चित है वह यह है कि अफगानिस्तान में शांति व सुरक्षा स्थापित करने के लिए एक ऐसी व्यापक सरकार का गठन ज़रूरी है जिसमें समस्त गुटों, जातियों और समुदायों की भागीदारी हो और ईरान का मानना है कि अफगानिस्तान के भविष्य के बारे में स्वंय अफगानियों को फैसला करना चाहिये।समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ 9889789714

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