कोतवाल को तीन दिन व नायब तहसीलदार को एक माह का कारावास न्यायालय के आदेश को ना मानना कोतवाल व नायब तहदीलदार को पड़ा महंगा

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8564852662

जज ने दोनों को भेजा जेल, लगाया जुर्माना

बाराबंकी। न्यायालय द्वारा पारित स्टे ऑर्डर को ताक पर रख पीड़ित की ज़मीन पर विपक्षियों का कब्ज़ा कराना नगर कोतवाल और नायब तहसीलदार को भारी पड़ गया। वादी की अवहेलना याचिका को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने नगर कोतवाल व नायब तहसीलदार को तलब कर लिया और न्यायालय पहुंचते ही उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए कोतवाल अमर सिंह को 3 दिनों के कारावास व नायब तहसीलदार केशव प्रसाद को एक महीने के कारावास की सज़ा सुनाते हुए जेल भेज दिया। नगर कोतवाली अंतर्गत आलापुर निवासी याचिकाकर्ता मोहम्मद आलम व शकील ने न्यायालय सिविल जज जू.डि. कोर्ट नम्बर 13 पर दायर अवमानना याचिका में न्यायालय को अवगत कराया कि बाराबंकी देहात की गाटा संख्या 1533 मि0 रकबा 0.1180 हेक्टेयर जो कि उन्होंने 20/09/1988 को ज़रिये बैनामा खरीदी थी पर गांव के ही मुबीन पत्नी दाऊद, मोहसिना पत्नी रिज़वान, मोहम्मद सलमान, रिज़वान व गुफरान पुत्रगण इरफान, रिज़वान पुत्र बाबू, मुख्तार पुत्र गुलाम रसूल व दाऊद पुत्र पीर गुलाम द्वारा कब्जे का प्रयास किया जा रहा था। जिस पर वादी उपरोक्त ने दिनांक 24/06/2021 को न्यायालय सिविल जज जू.डि. कोर्ट नम्बर 13 पर वाद दाखिल कर विपक्षियों को उनके शांतिपूर्ण कब्जे में दखल देने से रोकने की गुहार लगायी थी। न्यायालय द्वारा पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के परिशीलन के उपरांत 1 जुलाई को उपरोक्त वाद में स्टे आर्डर जारी करते हुए विपक्षियों को नियत तिथि तक वादी के शांतिपूर्ण कब्जे में दखल देने पर रोक लगायी गयी थी। लेकिन विपक्षियों द्वारा कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए नगर कोतवाल अमर सिंह और नायब तहसीलदार केशव प्रसाद से साठगांठ कर वादी की ज़मीन पर कब्ज़े का प्रयास करने पर वादी ने दिनांक 7 जुलाई को पुनः न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर स्टे ऑर्डर का पालन कराये जाने की गुहार लगायी, जिस पर कोर्ट ने नगर कोतवाल को स्टे आर्डर का पालन करने हेतु आदेशित किया था। वादी ने न्यायालय को बताया कि उपरोक्त आदेश के बाद भी 5 अगस्त को विपक्षियों के साथ पहुँचे नगर कोतवाल ने जेल में डालने की धमकी देकर उनके कब्जे में दख़ल दिया। व 6 अगस्त को नगर कोतवाल द्वारा भेजे गए पुलिसकर्मियों के साथ पहुँचे नायब तहसीलदार केशव प्रसाद व लेखपाल प्रहलाद नारायण तिवारी विवादित ज़मीन की पैमाइश करने लगे। वादी ने जब कोर्ट के स्टे ऑर्डर की कॉपी दिखाया तो पुलिसकर्मियों ने ये कहते हुए स्टे आर्डर की कॉपी फाड़ दिया कि ऐसे ऑर्डर हम लोग रोज़ देखते है। वादी ने न्यायालय को ये भी अवगत कराया कि 9 अगस्त रात के 11 बजकर 50 मिनट पर विपक्षियों के साथ पहुचे नगर कोतवाल अमर सिंह, नायब तहसीलदार केशव प्रसाद व लेखपाल प्रहलाद नारायण तिवारी द्वारा विवादित ज़मीन पर बनी उनकी दीवार को गिरा दिया गया। इस दौरान वादी व उसके परिवार के लोगो को भद्दी भद्दी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी गयी। वादी द्वारा अपनी याचिका के साथ संबंधित फ़ोटो और वीडियो भी बतौर साक्ष्य न्यायालय में दाखिल किए गए। वादी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज जू.डि. कोर्ट नम्बर 13 ख़ान ज़ीशान मसूद ने नगर कोतवाल व नायब तहसीलदार को आज दिनांक 13 सितम्बर कोव व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। आज न्यायालय पहुँचते ही दोनो अधिकारियों को न्यायायिक हिरासत में लेकर कटघरे के अंदर पहुचा दिया। मामले की सुनवाई के दौरान जज ने दोनो अधिकारियों के कृत्य को न्यायिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने वाला बताते हुए अक्षम्य बताया और इस अपराध के लिए नगर कोतवाल अमर सिंह को 3 दिन के सिविल कारावास के नायब तहसीलदार केशव प्रसाद को एक माह के सिविल कारावास की सज़ा सुनाते हुए जिला कारागार भेज दिया। इस दौरान दोनो अधिकारियों द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया।

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