भक्त कलेक्टर डॉ दिनेश चंद्र ने कुछ यूँ दी महंत नरेंद्र गिरी को श्रद्धांजलि.

आशिष सिंह संवाददाता एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश

परम पूज्य महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज, अध्यक्ष, अखाड़ा परिषद के ब्रह्मलीन होने पर भाव प्रणव श्रद्धांजलि

लखनऊ उत्तर प्रदेश परम पूज्य महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज,अध्यक्ष,अखाड़ा परिषद के ब्रह्मलीन होने की सूचना ने भक्त कलेक्टर एवं उनके परिवार को व्यक्तिगत रुप से वेदनायुक्त, दु:खी एवं व्यथित किया है। महंत श्री का आकस्मिक रूप से जाना करोड़ों भारतीय एवं अन्य राष्ट्र के नागरिकों के लिए भी क्षति है। मैं लगभग 25 वर्षों से भी अधिक समय से महंत श्री नरेंद्र गिरी जी महाराज जी से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा हुआ था।
विशेष रूप से प्रयागराज में अपनी शिक्षा प्राप्ति एवं उसके पश्चात कर्म क्षेत्र में उनका आशीर्वाद मिलता रहा। वहां प्रशासनिक सेवा की तैयारी जैसे संघर्ष क्षेत्र में और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के विविध संघर्ष काल में उनका अमूल्य मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। परीक्षा की तैयारियों सेे उपजे नैराश्य एवं अवसाद की स्थिति में अजस्र ऊर्जा की प्राप्ति के लिए हमलोग श्री सिद्ध हनुमान जी की पीठ पर जाया करते थे। वहां पर गंगा किनारे के मनोरम वातावरण में प्रभु दर्शन एवं गुरुजन से सफलता हेतु आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए हमलोग तीन छात्र साइकिल से आगे पीछे बैठकर अक्सर मंगलवार एवं शनिवार को जाया करते थे।
उसी के क्रम में महंत श्री नरेंद्र गिरी जी महाराज के दर्शन कर उनसे सफलता की कामना के साथ मिलते रहते थे और श्री सिद्ध पीठ एवं आचार्य श्री गुरु जी का आशीर्वाद प्राप्त करते रहते थे। और काल प्रवाह वश सिद्ध पीठ एवं महंत जी की कृपा से लक्ष्य की प्राप्ति भी हुई। ततपश्चात हनुमान जी की सिद्ध पीठ पर आशीर्वाद प्राप्ति एवं गुरुचरणों में श्रद्धापूर्वक आशीर्वाद प्राप्ति का यह क्रम सरकारी/प्रशासनिक सेवा में आने के बाद से चलता रहा। इस बीच उनके ब्रह्मलीन होने की असहनीय पीड़ा दायक दु:ख एवं वेदना की ऐसी गहरी चोट भारतीय नागरिकों एवं विशेषकर श्रीयुत हनुमान जी के भक्तों एवं महंथ जी के प्रति अगाध आस्था एवं श्रद्धा रखने वालों को पहुंची, वह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से अनुभूति जन्य है। परंतु उस घनीभूत पीड़ा एवं वेदना को अभिव्यक्त करने की क्षमता एवं सामर्थ्य मेरी लेखनी में नहीं है। मैं लगातार उनके सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त करने वाले भक्त परिवारों में से एक हूं।
आज यह अभिव्यक्त करते हुए पुनः मेरी आंखें नम हैं कि भविष्य में भी महंत श्री युत संत परंपरा एवं दीन दु:खी के लिए बिना किसी भेदभाव एवं स्वार्थ के सभी भक्तों के लिए उपलब्ध रहने वाले संत अब दुर्लभ रूप से मिलेंगे। अपने अनुयायियों के प्रति समान भाव से प्रसन्नतापूर्वक आशीर्वाद प्रदान करने वाले ऐसे महान संत अब काफी कठिनाई से मिलेंगे। उनकी समतामूलक दृष्टि से सभी को स्नेह, प्यार एवं भारतीय संत परंपरा की, भारतीय संस्कृति की विरासत को आगे बढ़ाने की समग्र दृष्टि के साथ सबको प्यार करने वाले महान संत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष परम पूज्य महंत श्री युत नरेंद्र गिरी जी महाराज की अनुभूतिजन्य परंतु अकथनीय, अविस्मरणीय भाव एवं अजस्र उर्जा रूपी सहजता, सरलता, सहृदयता से मुखम भरी मुद्रा में आशीर्वाद देने वाले महान संत की अमर आत्मा को नि:शब्द भाव से चरणों में भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि। आपके संदेश एवं संस्कार युग युग तक हिंदू समाज को पथ प्रदर्शित करते रहेंगे। उनकी जागृत चेतना एवं दर्शन समाज का मार्ग प्रशस्त करती रहेगी। इन्हीं भाव के साथ पुनः नम आंखों से आपके प्यार एवं आशीर्वाद की हंसमुख मुद्रा को संजोए हुए पुनः चरणों में नमन। कोटिशः नमन। ईश्वर महाराज श्री को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।

आशिष सिंह संवाददाता एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश

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