पांच राज्यों के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में,भाजपा में चलेगा गुजरात मॉडल
आशिष सिंह संवाददाता एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश
एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ पांच राज्यों के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व लगभग आधे नए चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी में है। इससे सत्ता विरोधी माहौल को कम करने में मदद तो मिलेगी ही। साथ ही नए लोगों व नई पीढ़ी को उभारा जाएगा। इस कवायद में सामाजिक समीकरणों को तो साधा ही जाएगा। इनमें युवा व महिलाओं की भी काफी संख्या होगी।अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी के पास अधिकतम चार माह का समय है। हर राज्य में चुनावी टीमें तैनात हो चुकी हैं। प्रबंधन का काम भी शुरू हो चुका है। उम्मीदवार चयन का काम दीपावली के बाद शुरू होगा। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह नाम व कद के बजाए जमीनी स्थितियों को ध्यान में रखकर फैसला लेगी। इसमें चेहरों को बदलना भी शामिल है। खासकर उन राज्यों में, जहां भाजपा सरकार में है।भाजपा ने राज्यों में संगठन स्तर पर हर क्षेत्र के सामाजिक व राजनीतिक समीकरणों के अनुसार भावी उम्मीदवारों को तराशना भी शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि हर राज्य में लगभग 50 फीसदी चेहरे नए होंगे। कई विधायकों को चुनाव मैदान से हटाकर दूसरे दायित्वों से जोड़ा जाएगा। टिकट कटने की स्थिति में नाराजगी न हो, इसके लिए भी पार्टी पूरी तैयारी कर रही है। हाल में हो रहे उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश में पार्टी को जिस तरह से बागी सुरों का सामना करना पड़ रहा है, उससे भी पार्टी सतर्क है।दरअसल, भाजपा को चेहरे बदलने से अधिकांश स्तरों पर हुए चुनाव में काफी लाभ मिला है। इसे गुजरात मॉडल भी माना जाता है। सबसे पहले गुजरात में स्थानीय निकायों में इसका उपयोग किया गया था। इसके बाद दिल्ली में बीते निकाय चुनावों में भी इस पर अमल किया गया है। अब इसे अन्य स्तरों पर भी रणनीति के हिसाब से लागू किया जा रहा है।
आशिष सिंह संवाददाता एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश