अभिनेता रजा मुराद पहुंचे रामपुर, लखीमपुर में किसानों पर हमले व आर्यन को लेकर बोला हमला

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8564852662

मशहूर फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने लखीमपुर खीरी में हुए किसानों पर प्राणघातक हमले पर जहां सख्त टिप्पणी की है, वहीं मादक पदार्थों के मामले में आर्यन के जेल जाने पर अभिनेता शाहरुख खान को नसीहत दे डाली है।

 क्या है पूरा मामला…

रामपुर के अभिनेता रजा मुराद खान का गृह जनपद है वह आज भी समय-समय पर मुंबई से रामपुर आते जाते रहते हैं। वह आज यहां आए हुए थे इस दौरान उन्होंने जहां लखीमपुर खीरी के कांड पर अफसोस जाहिर किया वही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र की देरी से गिरफ्तारी को लेकर पुलिस को संविधान और कानून का पाठ पढ़ाया। हालांकि वह केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन बिलों पर बोलने से बचते नजर आए। फिल्म अभिनेता ने यह सारी बातें रामपुर में पूर्व मंत्री अख्तर अली खान के आवास पर कहीं हैं।

लखीमपुर खीरी के कांड पर पूछे गए सवाल

रामपुर के रजा मुराद खान ने कुछ इस तरह कहा, देखिए डेमोक्रेसी में हर किसी को अपनी बात कहने का हक है, जिसे हम फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कहते हैं, तो उन्होंने कोई आंदोलन किया है तो वह गैर कानूनी नहीं है। वह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं प्रोटेस्ट करना। तो अब वह क्या वजह है जिसके तहत सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है, क्या उनकी मजबूरियां है, लेकिन मैं यह कहता हूं कि दुनिया में कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका समाधान नहीं हो सकता, हर समस्या का समाधान हो सकता है, जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है, ईस्ट जर्मनी वेस्ट जर्मनी एक हो सकते हैं, तो दुनिया की हर समस्या का हल निकल सकता है, अफसोस की बात यह है कि यह बहुत लंबा खिंच गया है और अगर टेबल पर बैठकर इसका तसबिया किया जा सकता है तो बहुत अच्छी बात हैवह कहते हैं अगर वह स्ट्राइक कर रहे हैं खेती करने के बजाए अनाज कम पैदा हो रहा है तो इससे मुल्क का नुकसान है। मुल्क में जो अनाज की पैदावार है वह कम हो रही है तो सभी का इसमें नुकसान है, अगर कोई ना कोई हल बैठ कर निकाला जा सके तो इससे अच्छी कोई बात नहीं है।

मशहूर फिल्म अभिनेता रजा मुराद खान  ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे द्वारा किसानों पर प्राणघातक हमले को लेकर पूछे गए सवाल पर कुछ इस तरह कहा है, देखिए कानून से बुलंद तो कोई नहीं है, कोई भी अगर कानून अपने हाथ में लेता है, तो वह बात तो गैर कानूनी है, अब उन पर कोई फिलहाल इल्जाम लगा है, इल्जाम लगने और साबित होने में बड़ा फर्क हो जाता है, मैं ना तो किसी का पक्ष ले रहा हूं और ना ही किसी के विरुद्ध बोल रहा हूं, लेकिन मैं यह कह रहा हूं कि एक हमारे मुल्क में जो तरीका है कि मुलजिम पर चार्ज शीट बनती है, वह अदालत में पेश होती है प्रॉसीक्यूशन का अपना पक्ष होता है डिफेंस का अपना पक्ष होता है फिर दलीले होती हैं फिर गवाह होते हैं उसके तहत जज अपना फैसला सुनाते हैं तो मैं यही कहूंगा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का कोई हक नहीं है किसी को भी किसी की भी जान लेने का कोई हक नहीं है।

रजा मुराद खान ने कहा अब किसने यह किया है, इसका फैसला तो अदालत करेगी और जब तक अदालत अपना फैसला नहीं देती है जब तक हमें इंतजार करना है उन्हें अरेस्ट किया है, तो कोई वजह होगी अरेस्ट करने की उनके पास, कोई रीज़न होगा कानून के पास, उन्हें हिरासत में लेने का, अब यह जो बात है जो अदालत पहुंची है। देखते हैं अदालत क्या फैसला सुनाती है, लेकिन अगर आप किसी की जान नहीं दे सकते तो किसी की जान लेने का हक नहीं, वह कोई भी हो।

रामपुर के अभिनेता रजा मुराद ने किसानों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा पारित बिल पर कुछ इस तरह कहा, देखिए इन बिल्स के बारे में मेरी कोई जानकारी नहीं है, इसलिए इसके बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता, मैं इतनी डिटेल में नहीं गया हूं, उनके क्या बिल्स है, क्या वजह है, जिसकी वजह से सरकार की मुखालिफत कर रही है तो मुझे बिल्स के बारे में विस्तार से पता नहीं।

रामपुर के रजा मुराद खान ने मशहूर फिल्म एक्टर शाहरुख खान के बेटे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे पर पुलिसिया कार्रवाई के अलग-अलग पैमानों को लेकर पूछे गए सवाल पर कुछ इस तरह टिप्पणी की है….. देखिए पैमाना तो एक ही होना चाहिए और जैसे कि मैंने आपसे पहले कहा किसके बेटे हैं, किसके भाई हैं, कानून की नजर में इसकी कोई औकात नहीं होती, आप कोई भी होंगे मैं यह कह रहा हूं कि जैसे शाहरुख खान का बेटा है, उसे गिरफ्तार किया गया है, उसका भी जो केस है वह अदालत में पहुंचने वाला है, चार्ज शीट तैयार हो गई है तो यह दोनों बहुत मशहूर केसेस हो गए हैं, एक बात जरूर है जो बड़े घर के बच्चे होते हैं बहुत लाड प्यार से उन्हें पाला जाता है, लेकिन कभी ऐसे वैसे झमेले में आ जाते हैं तो घर वालों को भी तकलीफ होती है, बच्चों को भी तकलीफ होती है।

मैं यह कहूंगा कि कुछ जिम्मेदारियां मां बाप की भी है बच्चों को अच्छे संस्कार देना, अच्छी तरबियत देना बचपन से उन्हें बताना क्या अच्छा है क्या बुरा है क्योंकि स्कूल बच्चा बाद में जाता है होश तो पहले वह घर में संभालता है और घर से ही उसको तरबियत मिलती है घर से ही तालीम मिलती है घर से ही उसको संस्कार मिलते हैं तो कुछ फर्ज जो होते हैं वह मां बाप के भी होते हैं जैसे मेरा बेटा है मैं हमेशा उसे कहता हूं कि बेटे बाहर किसी से झगड़ा मत करना झगड़ा बहुत बुरी चीज है उस से बचो झगड़े से दूर रहो अब आप कहेंगे कि जा बेटे जा तू झगड़ ले जिस को मारना है मार ले मैं देख लूंगा तो फिर क्या होगा।

उन्होंने कहा दोनों बातों में कितना फर्क हो गया आप अगर बच्चों को शह दोगे कि बाप पावरफुल है, बाप दौलतमंद है, तो दौलत और पावर के बलबूते पर आप कुछ भी कर सकते हैं तो नहीं मुल्क का जो कानून है आपको कुछ भी कहना है आपको कुछ भी करना है, आप को कानून के दायरे में रहकर करना है, अगर आप उस दायरे को पार करने की कोशिश करेंगे तो कानून अपना काम करेगा।

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