बाराबंकी। जाटा बरौली में स्थित अंत्येष्टि स्थल खुला मैदान में है। जिसके कारण खासतौर से बरसात में शवों के अंतिम संस्कार में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। द टचवुड फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी नईम सिद्धकी द्वारा इस अंत्येष्टि स्थल को संवारने की जिम्मेदारी ली गई। रविवार को अंत्येष्टि स्थल के कार्यों का शिलान्यास श्री सिद्दीकी ने किया। भारत के संस्कार में है कौमी एकता बरौली स्थित अंत्येष्टि स्थल पर शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए नईम सिद्दीकी ने कहा कि देश के विभाजन से अधिक खतरनाक है धर्म के नाम पर किए जा रहे विभाजन का गंदा खेल। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कार और हम सभी के रग-रग में कौमी एकता रचा बसा हुआ है। हम सभी सिर्फ एक काम कर लें कि अपने पड़ोसी का ख्याल रखें, और यह जरूर पता करें कि उसने भोजन किया कि नहीं। अगर हर एक व्यक्ति यह काम करने लगेगा तो फिर ना तो कोई भूखा रहेगा और ना ही हमें कोई धर्म जाति के नाम पर बांट सकेगा। श्री सिद्धकी ने बताया कि 2 बीघा भूमि वाले इस अंत्येष्टि स्थल पर चारदीवारी बनाई जाएगी। इसी के अंदर दो टीन शेड वाले अंत्येष्टि स्थल भी बनाए जाएंगे। बैठने के लिए बेंच के साथ पूरे परिसर में फलदार और खूबसूरत वृक्षों को लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि द टचवुड फाउंडेशन गरीबों व निराश्रितों के लिए मदद के लिए हमेशा रहता है। इस मौके पर फाउंडेशन के ट्रस्टी उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विचार विभाग के चेयरमैन संपूर्णानंद मिश्रा, ट्रस्टी कायनात सिद्दीकी, प्रधान वीरेंद्र सिंह शमशेरा, फिरोज हैदर भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संयोजन आसाराम वर्मा व शिव प्रकाश वर्मा ने किया। मौके पर मौजूद जाटा बरौली के प्रधान संत बख्श यादव ने श्री सिद्दीकी के इस प्रयास की सराहना की।सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी
Related Posts