फसल अवषेश प्रबन्धन यंत्रों का प्रयोग न करने वाले कम्बाइन हार्वेस्टर को सीज़ किया जाय: डीएम
बहराइच 11 अक्टूबर। जनपद में फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के दृष्टिगत जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने अपर जिलाधिकारी, उप निदेशक कृषि, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, समस्त उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक ग्रामसभा के लिये ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी एवं अन्य सम्बद्ध विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हुये फसल अवषेश या अन्य जलने की घटनाओं को रोकने कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जाय। अन्यथा की स्थिति में विभागीय कर्मचारियों की ज़िम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई भी की जाय।
जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने बताया कि 01 अक्टूबर 2021 से सेटेलाइट से प्राप्त इमेजरी के अनुसार विभिन्न जनपदों में फसल अवषेश जलाये जाने की घटनायें प्रकाश में आ रही है। इन घटनाओं का परीक्षण कराने पर यह संज्ञान में आया है कि धान की फसल को कम्बाइन हार्वेस्टर से काटने अथवा हाथ या रीपर से काटने के उपरान्त भी जलाये जाने की घटनायें हो रही हैं। हाथ या रीपर से कटाई के उपरान्त धान की मड़ाई के उपरान्त जो पुआल निकलता है, उसको इकट्ठा कर कई स्थलों पर जलाया जा रहा है।
डीएम डॉ. चन्द्र ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं कि जनपद में यदि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर द्वारा बिना सुपर एस.एम.एस. अथवा फसल अवषेश प्रबन्धन के अन्य यंत्रों को प्रयोग में लाये बगैर कटाई का कार्य किया जाता है तो संबंधित उपजिलाधिकारी द्वारा जांचोपरान्त दोषी पाये जाने पर उक्त कम्बाइन हार्वेस्टर को तत्काल सीज किया जाय तथा कम्बाइन हार्वेस्टर मालिक के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही भी की जाय। इसके अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार की जलने की घटनाओं को रोकने हेतु नगरीय क्षेत्रों हेतु नगर निकायों तथा ग्रामीण क्षेत्र हेतु ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया जाय कि जलने की घटना प्रकाश में आने पर दोषी के विरुद्ध पैनाल्टी लगायी जाय।
जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विभिन्न स्तरों पर आयोजित होने वाली बैठकों, गोष्ठियों एवं मेलों के माध्यम से मा. सर्वोच्च न्यायालय एवं मा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा दिये गये निर्देशों तथा उक्त के अनुपालन में शासन द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी आमजन तक पहुॅचायी जाय ताकि जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर विराम लग सके। डॉ. चन्द्र ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिया है कि खेत से गौ-आश्रय स्थल तक पराली पहुॅचाने की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें। डीएम डॉ. चन्द्र ने किसानों से अपील की है कि फसल अवशेषों को कदापि-कदापि जलाये नहीं। बल्कि उचित ढंग से प्रबन्धन कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढाने में पराली का प्रयोग जिससे आपकी आय में भी बढ़ोत्त्तरी होने के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रह सके।